शहीद भगत सिंह (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
देश में शहीद भगत सिंह की 108 वीं जयंती मनाए जाने के बीच शहीद-ए-आजम के एक करीबी ने सोमवार को बिना किसी देरी के केंद्र से नये असैन्य हवाई टर्मिनल का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर करने की मांग की।
भगत सिंह के 57 वर्षीय भतीजे अभय सिंह संधू ने दावा किया, ‘‘पंजाब सरकार ने 2007 में भगत सिंह की जन्मशती के उपलक्ष्य में उनके नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने का फैसला किया था। बाद में, इस संबंध में पंजाब विधानसभा ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।’’
उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार एयरपोर्ट का नाम ‘शहीद-ए-आजम सरदार शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, मोहाली’ करने की मांग करती रही है।
हरियाणा सरकार ने ‘मोहाली’ शब्द पर आपत्ति की
बहरहाल, हरियाणा सरकार ने ‘मोहाली’ शब्द पर आपत्ति की और चंडीगढ़ पर इसका नाम रखने पर जोर दिया लेकिन राज्य सरकार ने उल्लेख किया था कि भगत सिंह के नाम का इस्तेमाल करने पर उसे कोई एतराज नहीं है।
पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर को चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर नये असैन्य हवाई टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया जहां से घरेलू के साथ अंतरराष्ट्रीय विमानों का परिचालन हो सकेगा।
संधू ने पूछा, ‘‘लेकिन, जब इसका शुभारंभ हुआ तो शहीद के नाम को दरकिनार कर दिया गया। यह शहीदों का अपमान है। जब :पंजाब: सरकार ने खुद ही शहीद के नाम पर एयरपोर्ट के नाम का प्रस्ताव दिया तो यह होना चाहिए। इसके अलावा, पड़ोसी हरियाणा ने कोई आपत्ति नहीं जतायी है। साथ ही पूर्व नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने भी मंजूरी दी थी तब क्या दिक्कत है?’’
संधू ने कहा कि केंद्र को इसे मुद्दे पर एक अधिसूचना जारी करना चाहिए और बिना किसी देरी के भगत सिंह पर एयरपोर्ट का नाम रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश राज में देश को आजाद कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी के अपमान के विरोध में देश भर में भगत सिंह के नाम से जुड़े विभिन्न संगठनों और उनसे प्रेरित होने वाले आम लोगों ने 11 अक्तूबर को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
भगत सिंह और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होनी चाहिए
बहरहाल, संधू ने फिर दोहराया कि भगत सिंह और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि शहीदों के परिवार पर कई साल तक ‘निगरानी’ रखी गयी और सरकार से उनसे जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग की।
संधू ने कहा कि ब्रिटिश शासन काल से ही उनका परिवार निशाने पर रहा है और दावा किया कि ‘‘देश को आजादी मिलने के बाद भी खुफिया एजेंसियों ने हम पर नजर रखी।’’ संधू ने कहा, ‘‘हम सब कुछ जानना चाहते हैं जो तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने सरदार अजित सिंह और सरदार भगत सिंह के बारे में लिखा। सभी रिकॉर्ड सार्वजनिक होने चाहिए। सरकार इसे (रिकॉर्ड को) क्यों छिपा रही है। हमें उम्मीद है कि मौजूदा केंद्र सरकार इस संबंध में कदम उठाएगी।’’
भगत सिंह के 57 वर्षीय भतीजे अभय सिंह संधू ने दावा किया, ‘‘पंजाब सरकार ने 2007 में भगत सिंह की जन्मशती के उपलक्ष्य में उनके नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने का फैसला किया था। बाद में, इस संबंध में पंजाब विधानसभा ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।’’
उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार एयरपोर्ट का नाम ‘शहीद-ए-आजम सरदार शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, मोहाली’ करने की मांग करती रही है।
हरियाणा सरकार ने ‘मोहाली’ शब्द पर आपत्ति की
बहरहाल, हरियाणा सरकार ने ‘मोहाली’ शब्द पर आपत्ति की और चंडीगढ़ पर इसका नाम रखने पर जोर दिया लेकिन राज्य सरकार ने उल्लेख किया था कि भगत सिंह के नाम का इस्तेमाल करने पर उसे कोई एतराज नहीं है।
पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर को चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर नये असैन्य हवाई टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया जहां से घरेलू के साथ अंतरराष्ट्रीय विमानों का परिचालन हो सकेगा।
संधू ने पूछा, ‘‘लेकिन, जब इसका शुभारंभ हुआ तो शहीद के नाम को दरकिनार कर दिया गया। यह शहीदों का अपमान है। जब :पंजाब: सरकार ने खुद ही शहीद के नाम पर एयरपोर्ट के नाम का प्रस्ताव दिया तो यह होना चाहिए। इसके अलावा, पड़ोसी हरियाणा ने कोई आपत्ति नहीं जतायी है। साथ ही पूर्व नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने भी मंजूरी दी थी तब क्या दिक्कत है?’’
संधू ने कहा कि केंद्र को इसे मुद्दे पर एक अधिसूचना जारी करना चाहिए और बिना किसी देरी के भगत सिंह पर एयरपोर्ट का नाम रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश राज में देश को आजाद कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी के अपमान के विरोध में देश भर में भगत सिंह के नाम से जुड़े विभिन्न संगठनों और उनसे प्रेरित होने वाले आम लोगों ने 11 अक्तूबर को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
भगत सिंह और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होनी चाहिए
बहरहाल, संधू ने फिर दोहराया कि भगत सिंह और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि शहीदों के परिवार पर कई साल तक ‘निगरानी’ रखी गयी और सरकार से उनसे जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग की।
संधू ने कहा कि ब्रिटिश शासन काल से ही उनका परिवार निशाने पर रहा है और दावा किया कि ‘‘देश को आजादी मिलने के बाद भी खुफिया एजेंसियों ने हम पर नजर रखी।’’ संधू ने कहा, ‘‘हम सब कुछ जानना चाहते हैं जो तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने सरदार अजित सिंह और सरदार भगत सिंह के बारे में लिखा। सभी रिकॉर्ड सार्वजनिक होने चाहिए। सरकार इसे (रिकॉर्ड को) क्यों छिपा रही है। हमें उम्मीद है कि मौजूदा केंद्र सरकार इस संबंध में कदम उठाएगी।’’
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