गुजरात में शराबबंदी की हकीकत : जहरीली शराब पीने से 42 से ज्यादा लोगों की मौत, बेखबर रही पुलिस

बोटाद के अलग-अलग गांवों के कुछ छोटे शराब विक्रेताओं ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ (मेथेनॉल) में पानी मिलाकर नकली शराब बनाई थी, जो बेहद जहरीली होती है. उन्होंने 20 रुपये ‘पाउच’ के हिसाब से उसे गांव वालों को बेचा.

अहमदाबाद (गुजरात):

शराबबंदी वाले राज्य गुजरात में जहरीली शराब पीने से अब तक 42 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अब भी 100 से ज़्यादा लोग अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. सरकार का कहना है कि पुलिस 10 दिनों में मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी.

गुजरात के बोटाद में रहने वाली मनीषा बेन का 25 साल की उम्र में ही पति का साथ छिन गया. मनीषा की दो बेटियां भी अनाथ हो गईं. मनीषा के पति 27 साल के भूपत भाई की सोमवार को ज़हरीली शराब पीने से मौत हो गई. भूपत भाई ने गांव के पास से ही 20 रूपये में देसी शराब खरीदी थी, जिसे पीने के बाद उनकी मौत हो गई.

अहमदाबाद से लगभग 150 किलोमीटर दूर बोटाद के रोजीद गांव में देसी शराब पीने से 11 लोगों की मौत हुई है. गांव में मातम है कई चिताएं एक साथ जल रही हैं. भूपद की बहन मीना बेन का कहना है कि मेरा भाई अकेले कमाने वाला था, दो बच्चे हैं उसके, हमें नहीं पता कि अब कैसे चलेगा, यहां खुलेआम शराब बिकती थी.

वहीं भूपद की मां ने कहा कि मेरा इकलौता बेटा था, कमाने वाला था, वो मुझे छोड़कर चला गया.

रोजीद गांव के लोगों का आरोप है कि यहां सरेआम शराब बिक रही थी और पुलिस वाले भी इसमें शामिल थे. रोजीद गांव के सरपंच ने वो चिठ्ठियां दिखाई जो वो मार्च से लगातार प्रशासन को लिख रहे थे कि उनके गांव में सरेआम देसी शराब की बिक्री हो रही है. लेकिन गुजरात पुलिस इस चिठ्ठी पर अपनी आँखें मूंदे रही और ये हादसा हो गया.

रोजीद गांव के सरपंच जिगर डुंगरानी ने कहा कि मैंने मार्च महीने में दो बार ये चिठ्ठी यहां के एसपी को लिखा कि यहां शराब बिक रही है. मैंने विधायक की मीटिंग में भी ये मामला उठाया. अब ये मेरा मुंह बंद कराना चाह रहे हैं.

बोटाद, भावनगर और अहमदाबाद ग्रामीण में मिलाकर अब तक 42 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है और अब तीनों ज़िलों के अस्पतालों में 100 से ज़्यादा लोग गंभीर हालत में भर्ती हैं. प्रशासन का कहना है कि इस मामले में ज़हरीली शराब बेचने और बनाने वाले 15 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

बोटाद के अलग-अलग गांवों के कुछ छोटे शराब विक्रेताओं ने ‘मिथाइल अल्कोहल' (मेथेनॉल) में पानी मिलाकर नकली शराब बनाई थी, जो बेहद जहरीली होती है. उन्होंने 20 रुपये ‘पाउच' के हिसाब से उसे गांव वालों को बेचा.

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि हमने ये तय किया है कि हम 10 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल करेंगे और मामला फ़ॉस्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा.

गुजरात सरकार ने इस बड़े हादसे के बाद अहमदाबाद ग्रामीण और बोटाद के एसपी को हटा दिया है. साथ ही दस पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है.

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बिना कोई स्टांप और बिना कुछ लिखे पॉलीथीन में भरकर गांवों में देसी शराब बेची जाती है. खुले में कूड़े घर के नजदीक ये पाउच मिल जाते हैं. ऐसे में ये कहना बेमानी होगी कि गुजरात पुलिस पूरे प्रदेश में बिक रही शराब के अवैध कारोबार से अंजान थी.