
- सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में आसाराम की तस्वीर लगाकर कुछ लोगों ने पूजा अर्चना की.
- शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. जिगिषा पटाडिया, नर्स और सुरक्षा कर्मचारी इस पूजा में शामिल हुए.
- सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार ने कहा कि उनको इस घटना की कोई जानकारी नहीं है.
रेप का दोषी आसाराम फिलहाल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, अदालत ने उसे दोषी मानकर सजा दी है. लेकिन उनके भक्त अब भी शायद ये बात मामने के लिए तैयार नहीं हैं. सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में आसाराम की भक्ति का मामला सामने आया है. कछ लोगों ने आसाराम की तस्वीर अस्पताल के स्टेम सेल भवन के गेट पर रखकर पूजा अर्चना की. हैरान करने वाली बात यह है कि इस मामले में शिशु रोग विभाग की डॉ. जिगिशा पटाडिया, नर्स और सुरक्षा कर्मचारी भी शामिल हुए.
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सूरत के अस्पताल में आसाराम की पूजा
सूरत सिविल अस्पताल के अधीक्षक से जब नवरात्रि के दौरान देवी के बजाय किसी और की पूजा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में आसाराम की पूजा के लिए उनसे परमिशन नहीं ली गई थी.

'आशीर्वाद स्थान' कहे जाने वाले न्यू सिविल अस्पताल का ये मामला 22 सितंबर का है. यहां आसाराम के कुछ भक्तों ने गेट पर एक तस्वीर रखकर उसकी आरती उतारी. आरती के दौरान मंत्रोच्चार और भजन भी गाए गए. इस आयोजन में शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. जिगिषा पटाडिया समेत अस्पताल के कुछ ऑन ड्यूटी अधिकारी भी शामिल हुए. इसके साथ ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी भी आरती में शामिल रहे.
रेप के मामले में जेल में बंद है आसाराम
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन का वीडियो बना लिया. बता दें कि आसाराम को 2018 में रेप के एक मामले में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. साल 2023 में गांधीनगर की अदालत ने भी उसे सूरत की एक महिला के साथ रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
सिविल अधीक्षक को मामले की जानकारी नहीं
सूरत सिविल अस्पताल के स्टेम सेल भवन में यह घटना हुई. इसके बावजूद अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार को सिविल अस्पताल में क्या हो रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस मामले में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने छुट्टी पर होने और शहर से बाहर होने की बात हकर पल्ला झाड़ लिया. विवाद बढ़ने पर उन्होंने इसे दबाने की कोशिश की.
हाईकोर्ट ने नहीं बढ़ाई आसाराम की अंतरिम जमानत
रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 86 साल के आसाराम की अंतरिम जमानत पर 3 सितंबर को गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि जोधपुर हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत को गुण-दोष के आधार पर नहीं बढ़ाई. अगर जोधपुर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, तो उसके फैसले का इंतज़ार करें. इसके बाद, हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत नहीं बढ़ाई. इससे पहले, गुजरात हाईकोर्ट ने 3 सितंबर तक आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी. उसके बाद, राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत नहीं बढ़ाई और उसे आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. इसके आसाराम ने जोधपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.
महेंद्र प्रसाद की रिपोर्ट
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