अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन को महज छह महीने ही बीते हैं कि पहली ही बारिश में इनके निर्माण कार्य पर सवाल उठने (Ram Mandir Dripping) लगे हैं. एक तरफ जहां शहर में पानी भर गया है तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर को जल्दबाजी में बनाए जाने को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं. राम मंदिर की तरफ जाने वाली हाल ही में बनाई गई राम पथ सड़क बारिश के बाद से कई बार धंस गई है.
14 किलोमीटर के दायरे में गड्ढे नजर आ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि भक्तों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए सड़क की मरम्मत तुरंत करा दी गई है. वहीं योगी सरकार ने निर्माण कार्य में घोर लापरवाही के लिए छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
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छत रिस रही, मंदिर परिसर में आ रहा पानी
अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी का कहना है कि बारिश में जलभराव की खबर मिलने के तुरंत बाद पानी निकालने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं. दरअसल पिछले शनिवार आधी रात के बाद मंदिर में रिसाव की खबर सामने आई थी. राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने सोमवार को दावा किया था कि मंदिर की छत से रिसने वाला बारिश का पानी परिसर के अंदर जमा हो रहा है. उन्होंने ये भी कहा था कि मंदिर परिसर से बारिश के पानी को बाहर निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है.
'मंदिर की छत से पानी की बूंद तक नहीं टपकी'
हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने परिसर में रिसाव के दावों को खारिज करते हुए कहा कि छत से पानी की एक भी बूंद नहीं टपकी और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में घुसा. उनका कहना है कि बारिश के पानी की निकासी के लिए मंदिर में बढ़िया व्यवस्था है. चंपत राय ने कहा कि ऐसा लगता है कि पानी का रिसाव छत से हुआ था. मंदिर की पहली मंजिल पर चल रहे निर्माण कार्य की वजह से एक नाली पाइप के रास्ते आ रही थी.
"गर्भ गृह' में पानी कभी नहीं घुसा"
वहीं राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पहले कहा था कि राम मंदिर में कथित जल रिसाव होने की उम्मीद पहले से थी, क्यों कि गुरु मंडप आसमान के संपर्क में है. मंदिर निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन 'गर्भ गृह' में पानी कभी नहीं घुसा. वहीं इस मामले पर विपक्ष बीजेपी पर जमकर हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि राम मंदिर निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि बीजेपी पूजा स्थल को भी लूटने से नहीं चूक रही है.
बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. लेकिन बारिश के बाद पानी के रिसाव चर्चा का विषय बना हुआ है.
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