मध्य प्रदेश की सियासत में घमासान के बीच राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Polls) में भी कांग्रेस (Congress) की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के बगावत के बाद कांग्रेस का गणित बिगड़ गया है. कांग्रेस विधायकों के बगावत के बाद बीजेपी (BJP) के दो उम्मीदवारों की जीत करीब-करीब तय मानी जा रही है. वहीं, गुजरात में कांग्रेस अपने विधायकों की तोड़फोड़ रोकने में जुटी है. फिलहाल, चार राज्यों में राज्यसभा के लिए चुनाव होने के आसार हैं. इन राज्यों में मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड और राजस्थान शामिल है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों की बगावत के बाद बीजेपी के दो उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है. वहीं, गुजरात में बीजेपी ने ऐन वक्त पर नरहरि अमीन को मैदान में उतार कर कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी है. गुजरात कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने के लिए राजस्थान भेज रही है. राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है. दूसरी ओर, झारखंड में संख्या बल न होने के बावजूद कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है, जिसकी हार तय मानी जा रही है.
राजस्थान में भी कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किलें हो सकती हैं. बीजेपी ने एक अन्य उम्मीदवार खड़ा कर चुनाव कराने की कोशिश की है. उसकी नजर कांग्रेस के नाराज विधायकों पर है.
इससे पहले, 11 मार्च को बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने नौ उम्मीदवारों और सहयोगी पार्टी के दो उम्मीदवारों की नाम की घोषणा की थी. बीजेपी ने असम से भुवनेश्वर कलीता, बिहार से विवेक ठाकुर, गुजरात से अभय भारद्वाज और रमीलाबेन बारा, झारखंड से दीपक प्रकाश, मणिपुर से लिएसेंबा महाराज, मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र से उदयना राजे भोंसले और राजस्थान से राजेंद्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया था. इसके अलावा सहयोगी दलों में महाराष्ट्र से आरपीआई (ए) के रामदास आठवले, असम से बीपीएफ के बुस्वजीत डाइमरी को राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया है. 12 मार्च को पांच और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई थी.
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