मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मंगलवार को राज्यसभा में बोलने का मौका नहीं दिए जाने से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस्तीफा दे दिया था. इस मुद्दे पर सदन में काफी हंगामा मचा. हालांकि मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया.
राज्यसभा के सभापति पीजे कुरियन ने मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की है. सभापति ने कहा कि सदन की इच्छा है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें.
पढ़ें- इन 10 कारणों से बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से दे दिया इस्तीफा
बता दें कि सहारनपुर हिंसा पर सदन में न बोल पाने के कारण मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया. मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया.
वीडियो- क्या ये दांव दलित वोट बैंक बनाए रखने के लिए?
मायावती के राज्यसभा से इस्तीफे को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने वाजिब और स्वभाविक बताते हुए कहा कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है. उन्होंने मायावती के सामने पेशकश की कि अगर 'मायावती चाहेंगी तो वे बिहार से उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजेंगे.
पढ़ें- मायावती का 'मास्टरस्ट्रोक', इस्तीफा देकर पक्की की राज्यसभा सीट
मंगलवार को पूरे दिन सदन और मीडिया में मायावती का इस्तीफा छाया रहा. हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. जानकार बताते हैं कि तकनीकि खामियों के चलते मायावती के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जा सका.
बुधवार को राज्यसभा ने अपनी ओर से पहल करते हुए मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की. सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि सदन चाहता है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें.
राज्यसभा के सभापति पीजे कुरियन ने मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की है. सभापति ने कहा कि सदन की इच्छा है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें.
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बता दें कि सहारनपुर हिंसा पर सदन में न बोल पाने के कारण मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया. मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया.
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मायावती के राज्यसभा से इस्तीफे को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने वाजिब और स्वभाविक बताते हुए कहा कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है. उन्होंने मायावती के सामने पेशकश की कि अगर 'मायावती चाहेंगी तो वे बिहार से उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजेंगे.
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मंगलवार को पूरे दिन सदन और मीडिया में मायावती का इस्तीफा छाया रहा. हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. जानकार बताते हैं कि तकनीकि खामियों के चलते मायावती के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जा सका.
बुधवार को राज्यसभा ने अपनी ओर से पहल करते हुए मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की. सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि सदन चाहता है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें.
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