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This Article is From Jan 03, 2023

"भारत के पास देश की सीमा पर विरोधियों की चुनौतियों को विफल करने की क्षमता": राजनाथ सिंह 

राजनाथ ने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा बनाए एक पुल का उद्घाटन करने के बाद मंगलवार को कहा, ‘‘भारतीय सेना में सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है’’ और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत के पास देश की सीमा पर विरोधियों की चुनौतियों को विफल करने की पूरी क्षमता है. उन्‍होंने कहा कि हमारा देश कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता और पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है.

राजनाथ ने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा बनाए एक पुल का उद्घाटन करने के बाद मंगलवार को कहा, ‘‘भारतीय सेना में सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है'' और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सिंह ने कहा, ‘‘ भारत एक ऐसा देश है जो कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है.

राजनाथ ने कहा, "यह हमें भगवान राम और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से विरासत में मिला है. हालांकि, देश के पास उकसाने पर किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने की क्षमता है.'' गौरतलब है कि सेना ने कहा था कि भारत और चीन की सेना के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़प हुई थी जिसमें ‘‘ दोनों ओर के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे.''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सीमाओं को सशक्त बनाने के लिए आधारभूत ढ़ाचे के निर्माण को शीर्ष प्रमुखता दी है. उन्‍होंने कहा, ‘‘नए पुल से न केवल स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा होगी बल्कि इससे सैनिकों, भारी साजो सामान और मशानीकृत वाहनों को अग्रिम इलाकों में तेजी से ले जाने में भी मदद मिलेगी.'' वेस्ट सियांग और अपर सियांग जिलों के बीच आलो-यिंगकियोंग रोड पर 100 मीटर ‘क्लास-70' स्टील का मेहराबदार निर्माण, बीआरओ की ओर से 724.3 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई 28 परियोजनाओं में से एक है.

रक्षा मंत्री ने बीआरओ की 27 अन्य परियोजनाओं का भी वर्चुअली उद्घाटन किया. इनमें से आठ का निर्माण लद्दाख में, जम्मू-कश्मीर में चार, अरुणाचल प्रदेश में पांच, सिक्कम और पंजाब में तीन-तीन और दो राजस्थान में है.उन्होंने कहा, ‘‘ आज पूरी दुनिया में अनेक संघर्ष चल रहे हैं. भारत हमेशा युद्ध के विरोध में रहा है. यह हमारी नीति है. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब इस संकल्प की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था जब उन्होंने कहा था,‘‘ यह युग युद्ध का नहीं है.''

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ हम युद्ध में यकीन नहीं रखते, लेकिन अगर यह हम पर थोपा गया तो हम लडेंगे. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश सभी खतरों से सुरक्षित रहे. हमारे सशस्त्र बल तैयार है और यह देखना सुखद है कि हमारा बीआरओ उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रहा है.''

सिंह ने कहा कि 2021 में बीआरओ ने आधारभूत ढांचे के निर्माण से जुड़ी 102 परियोजनाएं पूरी की थीं. रक्षा मंत्री ने कहा कि 2022 में इन 28 परियोजनाओं के साथ ही संगठन ने देश को रिकॉर्ड 103 परियोजनाएं समर्पित की हैं. उन्‍होंने कहा,‘‘ बीआरओ ने देश के सुदूर गांवों जैसे अरुणाचल प्रदेश के हूरी गांव को भी मुख्य भूमि से जोड़ दिया है. इस संपर्क ने इन क्षेत्रों में लोगों की वापसी (रिवर्स माइग्रेशन) को गति दी है साथ ही स्कूली शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, बिजली आपूर्ति और रोजगार के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं के कारण आबादी बढ़ रही है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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