
- राजस्थान पुलिस ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में तीन प्रोबेशनर एसआई को गिरफ्तार किया है.
- गिरफ्तार एसआई जयपुर, टोंक और जालोर के रहने वाले हैं और उन्होंने पेपर लीक माफिया से सॉल्व्ड पेपर खरीदा था.
- इन तीनों का चयन अनुचित लाभ के कारण हुआ था, जिनके मेरिट नंबर 180, 38 और 171 थे.
राजस्थान पुलिस ने सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले (Rajasthan Paper Leak) में बड़ी कार्रवाई की है. एसओजी ने तीन प्रोबेशनर एसआई को गिरफ्तार कर लिया है. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस वीके. सिंह ने बताया कि जांच के दौरान जयपुर, टोंक और जालोर के तीन प्रोबेशनर एसआई की संलिप्तता सामने आई थी, इनमें जयपुर ग्रामीण निवासी परमेश चौधरी, टोंक के मनोहर सिंह और जालोर के मनोहर लाल शामिल हैं. तीनों ने पेपर लीक माफिया गिरोह से सॉल्व्ड पेपर खरीदकर परीक्षा से पहले फायदा लिया था.
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59 सब इंस्पेक्टरों समेत कुल 130 आरोपी गिरफ्तार
पकड़े गए उपनिरीक्षकों में परमेश चौधरी का चयन मेरिट नंबर 180 पर, मनोहर सिंह का मेरिट नंबर 38 पर और मनोहर लाल का मेरिट नंबर 171 पर हुआ था. जांच में सामने आया कि परीक्षा में अनुचित लाभ लेने की वजह से इनका चयन हुआ था. 23 सितंबर 2025 को की गई इस कार्रवाई के बाद अब तक इस मामले में 59 सब इंस्पेक्टरों समेत कुल 130 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पेपर लीक केस में हो सकते हैं अहम खुलासे
एसओजी तीनों आरोपियों से पूछताछ कर अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है. पूछताछ के दौरान पेपर लीक गिरोह से जुड़े कई और अहम खुलासे हो सकते हैं. एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह के मुताबिक, जांच में सामने आए नए तथ्यों के आधार पर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
तीनों गिरफ्तार आरोपियों के बारे में जानें
गिरफ्तार मनोहर सिंह जालोर जिले के करड़ा थाना इलाके के सेडीया गांव का रहने वाला है. वर्तमान में वह पुलिस लाइन कोटा में तैनात था. वहीं मनोहर लाल जालोर जिले के पुनासा गांव का रहने वाला है. वह सिरोही पुलिस लाइन में तैनात था. . उसका मैरिट नंबर 171 था.
सॉल्व्ड पेपर पढ़ कर पास की थी परीक्षा
एसओजी की जांच में पता चला है कि पकड़े गए तीनों अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा से पहले पेपर माफिया गिरोह से लिए गए सॉल्व्ड पेपर पढ़े. फिर एग्जाम पास किया. मैरिट लिस्ट आते ही उन्होंने ट्रेनिंग पूरी की और नियुक्ति मिल गई. बता दें कि साल 2021 में हुई इस भर्ती परीक्षा पर शुरुआत से ही धांधली के आरोप लगते रहे हैं.
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