सचिन पायलट Vs अशोक गहलोत, आज सोनिया गांधी से होगी मुलाकात

बता दें कि सचिन पायलट भी केरल में राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए, लेकिन जब तक गहलोत पहुंचेंगे वे निकल चुके होंगे. जब एनडीटीवी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर गहलोत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा तो पायलट ने सीधा जवाब नहीं दिया.

कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर जारी गहमागहमी के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दिल्ली पहुंचे हैं. वो कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात करेंगे. अध्यक्ष पद के नामांकन की खबरों के बीच राजस्थान की राजनीति भी गरम है. गहलोत राजस्थान का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं. उनका ताजा बयान इस बात का संकेत दे रहा है कि वह सीएम और अध्यक्ष पद दोनों अपने पास रखना चाह रहे हैं.

बता दें कि सोनिया गांधी से आज मुलाक़ात के बाद अशोक गहलोत कोच्चि जाएंगे और राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. इससे पहले अशोक गहलोत ने मंगलवार को राजस्थान कांग्रेस के विधायकों संग एक बैठक की और कहा कि अगर उन्हें अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के लिए कहा जाता है तो वो विधायकों को सूचित करेंगे.सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वो शाम को राहुल गांधी से मिलेंगे और आखिरी बार उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर वापसी के लिए मनाने की कोशिश करेंगे. अगर वो नहीं माने तो वो नामांकन दाखिल करेंगे और तब विधायकों को दिल्ली आने का संदेश देंगे.

बता दें कि सचिन पायलट भी केरल में राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए, लेकिन जब तक गहलोत पहुंचेंगे वे निकल चुके होंगे. जब एनडीटीवी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर गहलोत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा तो पायलट ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.

सीएम अशोक गहलोत ने आज कहा कि जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे पूरा करूंगा, मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहते हैं या नहीं ये तो समय बताएगा.

अशोक गहलोत ने आज दिल्ली पहुंचकर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सबके लिए खुला है, चाहे कोई भी लड़ सकता है. कोई भी व्यक्ति मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है. 

बता दें कि अशोक गहलोत ने मंगलवार रात ही विधायकों के साथ बैठक की थी. सूत्रों के मुताबिक- इस बैठक में गहलोत ने विधायकों से कहा कि पहले वह राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाएंगे और अगर वो नहीं माने तो खुद नामांकन करेंगे. पार्टी आलाकमान जैसा कहेगा, वैसा करेंगे. उन्होंने कहा कि वो पार्टी के वफादार सिपाही हैं. इसके साथ ही विधायकों के साथ बैठक में गहलोत ने संकेत दिया कि वो मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि "मैं कहीं नहीं जा रहा, चिंता मत करो. जहां भी जाऊंगा, राजस्थान की सेवा करूंगा और आपसे दूर नहीं जा रहा."

सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेतृत्व से कहा है कि वह कुछ समय के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहते हैं, भले ही वह पार्टी प्रमुख भी बन जाएं. जाहिर तौर पर सचिन पायलट के सीएम बनने की राह में ये बात समस्या पैदा करेगी.

सूत्रों के मुताबिक- अगर गहलोत राजस्थान से निकलकर अध्यक्ष बन दिल्ली जाते हैं तो उन्हें सीएम पद पर वफादार व्यक्ति चाहिए. यदि नहीं तो वह अध्यक्ष और सीएम दोनों भूमिका निभाने को तैयार हैं. इन्हीं खबरों के बीच अब देखना ये होगा कि राजस्थान में कमान किसके हाथ आती है?

बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर को भी सोनिया गांधी से पार्टी प्रमुख के लिए चुनाव लड़ने की मंजूरी मिल गई है. वैसे थरूर पार्टी के उन 23 वरिष्ठ नेताओं के ग्रुप हिस्सा थे, जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक सुधार की मांग की थी.
 

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