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This Article is From May 31, 2017

राजस्‍थान हाई कोर्ट के जज ने कहा- गाय राष्‍ट्रीय पशु घोषित हो, यह मेरी अंतरात्मा की आवाज

राजस्थान हाईकोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव के साथ ही यह भी कहा है कि गोवध पर सजा को बढ़ाया जाना चाहिए.

राजस्‍थान हाई कोर्ट के जज ने कहा- गाय राष्‍ट्रीय पशु घोषित हो, यह मेरी अंतरात्मा की आवाज
राजस्‍थान हाई कोर्ट नेे कहा है कि गाय को राष्‍ट्रीय पशु घोषित किया जाए
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट के एक जज ने आज भारत में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की अनुशंसा की. उन्होंने गौवध पर 10 साल के कारावास की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद करने का सुझाव भी दिया. जज ने हिंगोनिया गौशाला मसले पर फैसला सुनाते हुए सरकार को उक्त सुझाव दिए.

जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि राजस्थान के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह मुख्य सचिव को उनकी सिफारिश पर केंद्र से समन्वय करना चाहिए. आज ही सेवानिवृत्त हुए जस्टिस शर्मा ने कहा कि "नेपाल एक हिंदू राष्ट्र है और उसने गाय को अपना राष्ट्रीय पशु घोषित किया है ... राज्य सरकार से उम्मीद है कि वह इस देश में भी गाय को यह कानूनी मान्यता देगी."

जस्टिस शर्मा ने कहा कि ''भगवान कृष्ण सिर पर मोरपंख धरण करते हैं. मोर आजीवन ब्रह्मचारी होता है, वह कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता. उसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुगकर गर्भवती होती है और मोर या मोरनी को जन्म देती है. गाय में भी कई गुण हैं जिनको देखते हुए इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए.''

दरअसल जयपुर के पास स्थित हिंगोनिया गोशाला के लचर प्रबंधन के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी. उसमें इस गौशाला की दुर्दशा पर सवाल उठाए गए थे. वहां के कुप्रबंधन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उक्त टिप्‍पणियां कीं.

जस्टिस महेशचंद्र शर्मा ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि ''मैं हमेशा से धार्मिक हूं. सातवीं क्लास से भगवान शंकर का पाठ करता हूं. यह मेरी अंतरात्मा की आवाज है जिसे मैंने इस निर्णय के द्वारा प्रदर्शित किया है. अनुशंसा, बाध्यता नहीं है, लेकिन आत्मा की आवाज है जो सरकार पर बाध्यकारी होती है.''     

याचिकाकर्ता पूनमचंद भंडारी ने एनडीटीवी से कहा कि ''जज ने यह सुओ मोटो किया है. न तो यह हमारी प्रार्थना थी और न ही हमने इसे याचिका में शामिल किया. हमारी याचिका तो सिर्फ हिंगोनिया गौशाला को लेकर थी.''

अतिरिक्त एडवोकेट जनरल जीएस गिल ने एनडीटीवी से कहा कि ''न्यायालय ने निर्देश जारी नहीं किए हैं. कोर्ट ने अपनी भावना प्रदर्शित की है. सरकार इसे सकारात्मक रूप से लेती है. हम इसकी जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या लागू किया जा सकता है.''

जस्टिस शर्मा की उक्त टिप्‍पणी ऐसे वक्‍त आई है जब पशु बाजार में मवेशियों की बिक्री पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है. इस पर केंद्र और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्‍यों में विरोध भी हो रहा है. ऐसा ही विरोध प्रदर्शन आईआईटी मद्रास में भी हुआ. वहां पर बीफ फेस्‍ट के आयोजन के बाद एक छात्र की जमकर पिटाई कर दी गई. 

बीफ फेस्ट के मुद्दे पर केरल के एक छात्र की पिटाई के विरोध में बड़ी संख्या में छात्र आज प्रदर्शन कर रहे हैं. आज वे आईआईटी मद्रास के डीन से भी मुलाकात करेंगे. इस मुद्दे को लेकर रात में भी कैंपस में जमकर प्रदर्शन किया गया. छात्र इस दौरान बीफ खाते हुए नारेबाज़ी कर रहे थे. दरअसल, आर सूरज नाम के छात्र को इस कदर पीटा गया कि उसके गाल पर फ्रैक्चर और आंख के पास गहरा ज़ख्म हो गया.

पिटाई का आरोप कथित तौर पर राइट विंग हिंदूवादी संगठनों से जुड़े छात्रों पर है. सूरज बीफ फेस्ट का आयोजन करने वाले छात्रों में से एक था. सूरज नाम के इस छात्र को इस कदर पीटा गया कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा. साथ ही पिटाई करने वालों ने बीफ़ पार्टी में शामिल सभी छात्रों को धमकी भी दी है. मवेशियों की खरीद-बिक्री को लेकर केंद्र के नए कानून के विरोध में बीफ फेस्ट का आयोजन किया गया था. दूसरी तरफ डीएमके ने बीफ बैन के विरोध में प्रदर्शन किया. डीएमके के प्रदर्शन में खुद स्टालिन शामिल हुए. करीब 300 कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने आज प्रदर्शन किया.

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