गहलोत और पायलट खेमे में आर-पार की लड़ाई (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजस्थान में जारी सियासी संकट (Rajasthan Crisis) के बीच जयुपर के रिजॉर्ट में आज कांग्रेस विधायकों की एक बैठक होनी है. च्च न्यायालय में बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फ्लोर टेस्ट के विकल्प पर जा सकते हैं. वहीं, सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है. पायलट खेमे के विधायकों की अर्जी पर आज हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि आज कुछ ठोस फैसला आ सकता है.
- जयपुर के फेयरमाउंट होटल में आज सुबह विधायक दल की बैठक होनी है. इसी होटल में गहलोत खेमे के करीब 100 विधायक ठहरे हुए हैं. 103 विधायकों के समर्थन की वजह से गहलोत खुद की सरकार को सुरक्षित मानकर चल रहे हैं.
- सचिन पायलट अपने राजनीतिक सफर के कठिन इम्तिहान से गुजर रहे हैं. बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले का उनके राजनीतिक जीवन पर अहम असर पड़ेगा. राजस्थान उच्च न्यायालय में फिर से याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है.
- उच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई के दौरान, दोनों पक्षों की ओर से दलील पेश की गई. बागी विधायकों की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा, "पार्टी के अंदरूनी असंतोष के लिए अयोग्यता नोटिस जारी करना अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन हैं."
- स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब तक विधानसभा अध्यक्ष नोटिस पर फैसला नहीं लेते है तब तक पायलट खेमे के विधायक अदालत का रुख नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "स्पीकर और विधानसभा अभी अदालत के न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं आते हैं."
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दो बार विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पायलट और उनके खेमे ने हिस्सा नहीं लिया था. इसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ नोटिस जारी हुआ था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कांग्रेस विधायकों में बैठक में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है.
- सचिन पायलट का खेमे विधायक और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से राजस्थान की सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है वह किसी से छुपी हुई बात नहीं. परसों तक मैं उनका कैबिनेट मंत्री था और आज मुझ पर एसओजी, एसीबी के केस लगा दिए गए हैं.'
- रिश्वत के आरोपों पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि वह 'दुखी हैं लेकिन आश्चर्यचकित नहीं' हैं. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया था.
- यदि बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया गया तो 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी सरकार बचाने का एक आसान मौका मिल जाएगा.
- कांग्रेस की लीगल टीम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय का फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आता है तो अगले कदम के रूप में पार्टी विधानसभा का सत्र बुलाने की योजना बना रही है.
- पिछले दिनों कांग्रेस ने विधानसभा में बहुमत होने का दावा किया है. कांग्रेस सूत्रों ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसके बारे में फैसला करने का राज्य मंत्रिमंडल तथा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और ‘‘वे उचित फैसला लेंगे.''