राजस्थान सरकार ने प्रदेश में राशन सामग्री एवं भोजन वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी निषिद्ध कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवा भाव के साथ किया जाए. इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए. गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो.
एक सरकारी बयान में उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सक्षम हैं, वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें. सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं. उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरन्तर प्रोत्साहित किया जाए और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण भी तत्काल प्रभाव से किया जाए। राशन एवं भोजन के पैकेट वितरित करते समय भौतिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाए. इस दौरान किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं हो.
बता दें कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 98 नये मामले सामने आने से कुल मामलों की संख्या शुक्रवार रात तक 561 हो गई. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को जयपुर में 56 नये मामले सामने आए. ये मामले जयपुर के सबसे अधिक प्रभावित रामगंज इलाके से हैं. इन सभी मामलों में सैंपल घर-घर सर्वे के दौरान लिए गए थे.
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