संसद में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा 'कश्मीर' पर 'गलतियों' के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि गृहमंत्री को इतिहास दोबारा लिखने की आदत है. राहुल गांधी ने आज संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी जान दे दी, वह कई वर्षों तक जेल में रहे. अमित शाह इतिहास से अनभिज्ञ हैं. मैं उम्मीद भी नहीं करता कि उन्हें इतिहास मालूम होगा क्योंकि वह इतिहास का पुनर्लेखन करते रहते हैं." राहुल गांधी ने कहा कि ये वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का तरीका है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के कदम को संवैधानिक तौर पर वैध बताने के फैसले के कुछ घंटों बाद ही अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू को दो बड़ी भूलों के लिए दोषी ठहराया था, पहली पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की घोषणा और दूसरा कश्मीर मुद्दा यूएन में लेकर जाना. अमित शाह ने कहा था कि "अगर (पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान) असामयिक युद्धविराम नहीं होता तो पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) नहीं होता. हमारा देश जीत रहा था, अगर उन्होंने (नेहरू) दो दिन इंतजार किया होता, तो पूरा कश्मीर हमारा होता."
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया जा रहा है. जाति जनगणना और भागीदारी तथा धन किसके हाथ में जा रहा है, यही बुनियादी और मुख्य मुद्दा है। ये लोग इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इनसे भागते हैं.''
भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री भी ओबीसी थे. सवाल यह है कि पूरी व्यवस्था में कितनी भागीदारी है. प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, लेकिन सरकार को 90 अफसर चलाते हैं और उनमें तीन ओबीसी हैं. इन तीन अधिकारियों का कार्यालय भी कोने में है.' उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए नेहरू और अन्य मुद्दों पर बात की जाती है.
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