राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद भी पार्टी अनिर्णय की स्थिति में है. कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी (Janardan Dwivedi) ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पद छोड़ने से पहले नए अध्यक्ष को लेकर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए थी. जनार्दन द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस यह सवाल भी किया कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर जो 'बैठकें' चल रही हैं, उनके लिए किसने अधिकृत किया है? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस्तीफा देने से पहले अगले अध्यक्ष के चयन को लेकर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए थी.
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उन्होंने कहा कि इस स्थिति पर बात करना कष्टदायक है. संगठन की स्थिति देख कर पीड़ा होती है. कारण बाहर नहीं भीतर है. कई ऐसी बातें पार्टी में हुई, जिससे मैं सहमत नहीं था. नेतृत्व से असहमतियों को छिपाया नहीं. उन्होंने कहा कि मैंने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की. तब कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात से किनारा कर लिया. बाद में जब मोदी सरकार 10% आरक्षण लेकर आई तो सभी पार्टियां मौन हो गई.
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उन्होंने कहा कि भारतीयता और भगवाकरण को लेकर मेरे विचार से पार्टी सहमत नहीं थी. बाद में भारतीय संस्कृति से नजदीकी दिखाने के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ा! राहुल गांधी का इस्तीफा आदर्श स्थापित करता है. अध्यक्ष इस्तीफा देता है और बाकी पार्टी जस की तस चलती रहती है. जो लोग जिम्मेदारी के पदों पर हैं उन्हें राहुल की बातों का पालन करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राहुल गांधी आज भी पार्टी के अध्यक्ष हैं. आज नए अध्यक्ष को लेकर बैठकें हो रही हैं वो कौन हैं? कॉर्डिनेशन कमिटी के नाम पर बैठक हो रही है, जबकि कॉर्डिनेशन कमिटी अस्तित्व में ही नहीं है.
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उन्होंने कहा कि राहुल के फैसले का मैं समर्थन करता हूं. जब तक आप छोड़ेंगे नहीं पाएंगे नहीं. महात्मा गांधी, विनोवा भावे चाहते तो क्या नहीं बन सकते थे! मैं आज इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि 5 साल पहले पार्टी में ये बात चली थी कि नए लोग जिम्मेदारी लें और बुजुर्ग दूसरी जिम्मेदारी देखें. तब सोनिया गांधी जब उपचार के लिए गई थीं तब वह एक कमिटी बनाकर गईं थीं. 15 सितंबर 2014 को सोनिया को लिखा खत सार्वजनिक कर रहा हूं, जिसमें मैंने त्यागपत्र की पेशकश की थी.
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इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने सोमवार को कहा था कि जल्द से जल्द कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर निर्णय किए जाएं तथा हो सके तो यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में बुलाई जाए. बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों अपने इस्तीफे की औपचारिक घोषणा की और नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद से अब तक सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है.
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