
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों राफेल डील( Rafale Deal) को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी( PM Narendra Modi) और उद्योगपति अनिल अंबानी( Anil Ambani) पर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री की अनिल अंबानी से कथित नजदीकी पर निशाना साधने के लिए एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें शोले का हिट गाना-ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, बजता है. राहुल गांधी के ट्वीट करते ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कांग्रेस प्रमुख का आरोप है कि राफेल सौदे में अंबानी की कंपनी को 30,000 करोड़ रूपए का ऑफशोर ठेका मिला है.गांधी के ट्विटर हैंडल में 17 सेकंड का एक वीडियो अपलोड किया गया है जिसमें मोदी और अंबानी की मुस्कुराती हुईं तस्वीरें हैं और पीछे से गाना बज रहा है.गौरतलब है कि कांग्रेस प्रमुख मोदी पर कथित भ्रष्टाचार और फ्रांस की कंपनी के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे में पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उन पर लगातार हमले बोल रहे हैं.
इतिहास का सबसे बड़ा घोटालाः कांग्रेस
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आंनद शर्मा बीते दिनों राफेल सौदे को इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बता चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि केवल प्रधानमंत्री को ही पता था कि ऑफसेट अनुबंध हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नहीं दिया जाएगा. शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह उनका (मोदी का) फैसला था. केवल उन्हें ही पता था कि वह क्या करने जा रहे थे.'' उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने इस विषय पर लगातार चुप्पी साधे रखी जबकि अपनी सरकार के बारे में ऊंचे-ऊंचे दावे करते रहे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री के पास राफेल सौदे पर छिपाने को काफी कुछ है. उनकी चुप्पी मौलिक प्रश्न को जन्म देती है क्योंकि वह सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं और व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जवाबदेह हैं.''
राफेल सौदे को देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला होने का दावा करते हुए शर्मा ने इसकी संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग दोहरायी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर भी सवाल खड़ा किया जिस दौरान 58,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट विमानों की आपूर्ति के लिए दसाल्ट एविएशन में चल रहे कामों की प्रगति का उनके द्वारा जायजा लेना शामिल था. शर्मा ने कहा कि भारत फ्रांस से जो लड़ाकू विमान खरीद रहा है, उसकी कीमत काफी बढ़ गयी है और प्रधानमंत्री को इस सौदे को लेकर उत्पन्न कई संशयों को दूर करना चाहिए. यदि इस सौदे का फोरेंसिक ऑडिट किया जाए तो और ब्योरा सामने आएगा.
झूठ बोल रही कांग्रेसः बीजेपी
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने राफेल डील पर कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. कहा कि, "NDA ने UPA की तुलना में बेहतर सौदा (राफेल) किया है... दसॉ कंपनी के CEO ने साफ-साफ पुष्टि की है कि उन्होंने ऑफसेट को लागू करने के लिए अपनी इच्छा से पार्टनर को चुना था..." पीयूष गोयल ने कहा कि यह जेंटलमैन (राहुल गांधी) फेक न्यूज़ बना रहे हैं... एक झूठ को 100 बार बोल देने से वह सच नहीं हो जाएगा.
राफेल डील पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों बीजेपी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार ने 2007 और 2012 में यूपीए के समय हुए समझौते की तुलना में बेहतर समझौता किया है. हमें तेज डिलीवरी, मरम्मत का लंबा समय और स्पेयर पार्ट्स की बेहतर उपलब्धता हासिल हुई है. पीयूष गोयल ने कहा कि कल (गुरुवार को) हम हमें दसॉल्ट एविएशन के सीईओ से और भी अधिक स्पष्टता मिली, जिन्होंने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि ऑफ़सेट को लागू करना जरूरी था. इसलिए उन्होंने खुद ऑफसेट्स को लागू करने के लिए साझेदारों को चुना. उन्होंने आगे कहा कि यह समय आ गया है कि कांग्रेस को समझ जाना चाहिए कि यह सरकार पारदर्शिता और संभावना के उच्चतम मानकों की सरकार है. जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बहुत आवश्यक कदम उठाए हैं. (इनपुट भाषा से भी)
वीडियो-रफाल डील पर और बढ़ी रार
डिस्क्लेमर : अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने NDTV पर राफेल सौदे की कवरेज को लेकर 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा किया है.
इतिहास का सबसे बड़ा घोटालाः कांग्रेस
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आंनद शर्मा बीते दिनों राफेल सौदे को इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बता चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि केवल प्रधानमंत्री को ही पता था कि ऑफसेट अनुबंध हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नहीं दिया जाएगा. शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह उनका (मोदी का) फैसला था. केवल उन्हें ही पता था कि वह क्या करने जा रहे थे.'' उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने इस विषय पर लगातार चुप्पी साधे रखी जबकि अपनी सरकार के बारे में ऊंचे-ऊंचे दावे करते रहे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री के पास राफेल सौदे पर छिपाने को काफी कुछ है. उनकी चुप्पी मौलिक प्रश्न को जन्म देती है क्योंकि वह सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं और व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जवाबदेह हैं.''
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 21, 2018
राफेल सौदे को देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला होने का दावा करते हुए शर्मा ने इसकी संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग दोहरायी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर भी सवाल खड़ा किया जिस दौरान 58,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट विमानों की आपूर्ति के लिए दसाल्ट एविएशन में चल रहे कामों की प्रगति का उनके द्वारा जायजा लेना शामिल था. शर्मा ने कहा कि भारत फ्रांस से जो लड़ाकू विमान खरीद रहा है, उसकी कीमत काफी बढ़ गयी है और प्रधानमंत्री को इस सौदे को लेकर उत्पन्न कई संशयों को दूर करना चाहिए. यदि इस सौदे का फोरेंसिक ऑडिट किया जाए तो और ब्योरा सामने आएगा.
झूठ बोल रही कांग्रेसः बीजेपी
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने राफेल डील पर कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. कहा कि, "NDA ने UPA की तुलना में बेहतर सौदा (राफेल) किया है... दसॉ कंपनी के CEO ने साफ-साफ पुष्टि की है कि उन्होंने ऑफसेट को लागू करने के लिए अपनी इच्छा से पार्टनर को चुना था..." पीयूष गोयल ने कहा कि यह जेंटलमैन (राहुल गांधी) फेक न्यूज़ बना रहे हैं... एक झूठ को 100 बार बोल देने से वह सच नहीं हो जाएगा.
राफेल डील पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों बीजेपी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार ने 2007 और 2012 में यूपीए के समय हुए समझौते की तुलना में बेहतर समझौता किया है. हमें तेज डिलीवरी, मरम्मत का लंबा समय और स्पेयर पार्ट्स की बेहतर उपलब्धता हासिल हुई है. पीयूष गोयल ने कहा कि कल (गुरुवार को) हम हमें दसॉल्ट एविएशन के सीईओ से और भी अधिक स्पष्टता मिली, जिन्होंने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि ऑफ़सेट को लागू करना जरूरी था. इसलिए उन्होंने खुद ऑफसेट्स को लागू करने के लिए साझेदारों को चुना. उन्होंने आगे कहा कि यह समय आ गया है कि कांग्रेस को समझ जाना चाहिए कि यह सरकार पारदर्शिता और संभावना के उच्चतम मानकों की सरकार है. जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बहुत आवश्यक कदम उठाए हैं. (इनपुट भाषा से भी)
वीडियो-रफाल डील पर और बढ़ी रार
डिस्क्लेमर : अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने NDTV पर राफेल सौदे की कवरेज को लेकर 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा किया है.
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