राफेल मामले (Rafale Deal) में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद कांग्रेस (Congress) ने मामले की जेपीसी (JPC) जांच की मांग की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के कराने की मांग की. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अब राफेल घोटाल की जांच के लिए बड़ा द्वार खोल दिया है. इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी मामले की जेपीसी जांच कराए जाने की मांग की थी. सुरजेवाला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'यह जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल डील पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. ये याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य ने दाखिल की थी.
Justice Joseph of the Supreme Court has opened a huge door into investigation of the RAFALE scam.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2019
An investigation must now begin in full earnest. A Joint Parliamentary Committee (JPC) must also be set up to probe this scam. #BJPLiesOnRafale pic.twitter.com/JsqZ53kZFP
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राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ ने राफेल घोटाले की जांच के लिए बड़ा द्वार खोला है. इस पर पूरी गंभीरता से जांच शुरू होनी चाहिए. साथ ही इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) भी गठित करने की जरूरत है.'
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके मंत्री देश को एकबार फिर गुमराह कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब राफेल (Rafale) के आपराधिक जांच का दायरा खोल दिया है. सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कहा है कि संवैधानिक वजहों से सुप्रीम कोर्ट के हाथ बंधे हो सकते हैं पर जांच एजेंसियों के नहीं. सुरजेवाला ने कहा कि राफेल मामले के कई पहलू संविधान के अनुच्छेद 32 से बाहर का है. अनुच्छेद 32 सुप्रीम कोर्ट के हाथ बांधता है पर पुलिस या सीबीआई के नहीं. कोर्ट ने पैरा 73 और 87 में साफ़ कहा है. इस मामले में सबूत जुटाना जांच एजेंसियों की ज़िम्मेदारी है क्योंकि उनके हाथ खुले हैं. कोर्ट ने कहा है किसी तरह की जांच में कोर्ट का आज का या पिछला फैसला कोई अड़चन नहीं डालेगा.
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