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पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के फोन टेप मीडिया में लीक होने की जांच करने वाली जांच समिति की रिपोर्ट पर सर्वोच्च न्यायालय गुरुवार को बंद कमरे में सुनवाई करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की पीठ ने जांच समिति की रिपोर्ट को परखने के बाद बंद कमरे में सुनवाई का फैसला किया। राडिया का टेप मीडिया को लीक करने की जांच के लिए समिति गठित की गई थी।
टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा एवं गैर सरकारी संगठन, सेंटर फॉर पब्लिक इन्ट्रेस्ट लिटीगेशन (सीपीआईएल) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, "हम रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे।"
जहां टाटा ने मीडिया को किसने टेप लीक किया इसकी जांच करने की मांग की है, वहीं सीपीआईएल ने टेप को सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि सरकार की नीति निर्धारण प्रक्रिया के पीछे रसूखदारों के हाथ का पता चल सके।
टेप लीक होना स्वीकार करते हुए नव नियुक्त अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल एल. नागेश्वर राव ने कहा कि आयकर विभाग से यह नहीं हुआ होगा।
चूंकि राव ने अदालत से कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता ने भी लीक नहीं किया गया है, टाटा की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत से कहा कि उनकी दिलचस्पी यह जानने में नहीं है कि किसने लीक नहीं किया, बल्कि इसमें है कि लीक किसने किया।
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