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This Article is From Mar 18, 2017

पंजाब : लाल बत्ती का इस्‍तेमाल नहीं करेंगे नई सरकार के मंत्री और अधिकारी

पंजाब : लाल बत्ती का इस्‍तेमाल नहीं करेंगे नई सरकार के मंत्री और अधिकारी
पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसले.
चंडीगढ़: पंजाब मंत्रिमंडल की पहली बैठक में शनिवार को निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री, विधायक और शीर्ष अधिकारी अपने वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे. पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री न तो कोई शिलान्यास करेंगे और न उद्धघाटन ही करेंगे. बादल ने कहा, '100 करोड़ रुपये या 200 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजनाओं में भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम शिलान्यास पट्टिका या उद्घाटन पट्टिका पर व्यक्त नहीं किए जाएंगे. शिलापट्टिका पर सिर्फ एक पंक्ति में लिखा रहेगा कि यह परियोजना करदाताओं के पैसे से निष्पादित की गई है.'

इसके अलावा नई सरकार ने शनिवार को अपनी मंत्रिमंडल बैठक में कई अहम निर्णय लेकर राज्य के विकास एजेंडे पर काम शुरू कर दिया. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक ने प्रदेश कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को अगले पांच सालों के लिए अपने कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया तथा पहले चरण में एक तिहाई चुनावी वादों को पूरा करने के लक्ष्य को लेकर 100 से अधिक निर्णय लिए. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को आगे ले जाने से जुड़े कुछ खर्चों को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल ने चुनाव से पहले विभिन्न सरकारी विभागों के लिए पिछले शिअद-भाजपा शासन के दौरान आवंटित राशि में खर्च नहीं हुए हजारों करोड़ रुपये को वापस लेने का निर्णय लिया.

नव गठित सरकार के सभी नौ मंत्रियों की उपस्थिति में मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये निर्णयों में ड्रग माफिया एवं भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार, इंस्‍पेक्टर राज एवं वीआईपी संस्कृति की समाप्ति, कृषि ऋण की समयसीमा के अंदर माफी, कृषि एवं उद्योग को पटरी पर लाने के लिए विभिन्न उच्चस्तरीय समितियों का गठन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में सुधार, दलितों एवं अन्य पिछड़ों तक विभिन्न लाभ पहुंचाने, रोजगार सृजन शामिल हैं.

कानून का शासन एवं त्वरित इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए घोषणापत्र में जिन कानूनों का प्रस्ताव रखा गया है, उन्हें यथाशीघ्र बनाया जाएगा. उसमें ड्रग डीलर संपत्ति जब्ती कानून शामिल हैं. संबंधित विभाग अध्यादेश के मार्फत तत्काल इसे लागू करने के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाएंगे. यह भी निश्चय किया गया कि सरकार राज्य का पानी सुरक्षित रखने के लिए एसवाईएल नहर मुद्दे पर सभी कानूनी एवं प्रशासनिक कदम उठाएगी. करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में अमरिंदर ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों एवं विभिन्न विभागों को घोषणापत्र के वादों को लागू करने के लिए सभी संभव प्रयास करने को कहा.

अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पंजाब में 16 मार्च को सत्ता संभाली. इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों पर जीत हासिल की है.

(इनपुट एजेंसियों से)
 

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