बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएफयूएचएस) के कुलपति राज बहादुर को एक अस्पताल में गंदे गद्दे पर लेटने के लिए कथित तौर पर मजबूर करने की वजह से पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को कथित घटना के बाद राज बहादुर (71) ने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को उनके साथ हुए ‘दुर्व्यवहार' के बारे में बताया है और उनसे उन्हें सेवामुक्त करने का अनुरोध किया है, क्योंकि काम करने का माहौल अनुकूल नहीं है. बहादुर ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की और कहा कि मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं.'
जब मुख्यमंत्री मान से चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के इतर इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि काम के दौरान ऐसी ‘तल्खियां' सामने आती हैं और ‘मुझे लगता है कि स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था.'
आईएमए ने डाक्टर को गंदे गद्दे पर लेटने पर मजबूर करने को लेकर पंजाब के मंत्री की आलोचना की
विपक्षी दलों और भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) समेत विभिन्न चिकित्सक संघों ने स्वास्थ्य मंत्री के बर्ताव की कड़ी निंदा करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है. इससे पहले, मोहाली में पत्रकारों से बातचीत में बहादुर ने कहा कि मुख्यमंत्री मान ने अपने मंत्री के बर्ताव पर खेद व्यक्त किया है. कुलपति मोहाली में उस समय रो पड़े जब कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह उनसे मिलने पहुंचे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपना इस्तीफा वापस लेंगे, बहादुर ने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ, मैंने उसके बारे में मुख्यमंत्री को बताया है...मुख्यमंत्री ने खेद जताया है.'
बहादुर ने शुक्रवार की घटना के बारे में कहा, ‘जब आप इतनी कड़ी मेहनत करते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं तो इस तरह के बर्ताव का सामना करने पर आपको दुख होता है.'
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने घटना पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जौरामाजरा से बात की है. मान ने बहादुर से अगले सप्ताह उनसे मिलने के लिए भी कहा है. मान ने कहा कि डॉ. बहादुर उनके बहुत अच्छे मित्र हैं. उन्होंने कहा, ‘जब मेरे पिता को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी तो उस समय डॉ. राज बहादुर चंडीगढ़ में जीएमसीएच (राजकीय चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल) के निदेशक थे. वह बहुत अच्छे डॉक्टर हैं.'
यह घटना शुक्रवार को तब हुई, जब जौरामाजरा फरीदकोट स्थित गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, जो बीएफयूएचएस के अंतर्गत आता है. सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के एक वीडियो में जौरामाजरा अस्पताल के त्वचा विभाग में रखे एक गद्दे की “खराब स्थिति” की ओर इशारा करते हुए बहादुर के कंधे पर हाथ रखकर कथित तौर पर उन्हें उसी गद्दे पर लेटने के लिए मजबूर करते दिखाई देते हैं. वीडियो में कुलपति स्वास्थ्य मंत्री से यह कहते सुनाई देते हैं कि वह इन सुविधाओं के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. इस पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, 'सब कुछ आपके हाथ में है.'
कुलपति ने शनिवार को कहा कि मंत्री के इस तरह के व्यवहार से वह अपमानित महसूस कर रहे हैं. बहादुर ने चार दशक से अधिक समय के अपने करियर में विभिन्न प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थानों में काम किया है. स्पाइनल सर्जरी और जॉइंट रिप्लेसमेंट के विशेषज्ञ बहादुर चंडीगढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व निदेशक-प्रधानाचार्य रह चुके हैं. वह पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में हड्डी रोग विभाग के प्रमुख के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
कांग्रेस नेता ने बहादुर के प्रति एकजुटता और समर्थन जताने के लिए मोहाली में ‘रीजनल स्पाइनल सेंटर' में उनसे मुलाकात की और कहा कि वह उस डॉक्टर के जज्बे को सलाम करते हैं, जिसने लोगों की सेवा में अपने आप को समर्पित कर दिया. इस मुलाकात के दौरान बहादुर रो पड़े. यह पूछने पर कि वह भावुक क्यों हो गए थे, उन्होंने कहा, ‘मैं ठीक हूं. जैसा कि आप देख सकते हैं मैं अपना काम कर रहा हूं और आज ही दो सर्जरी की हैं. मैं अपने मरीजों को चिकित्सकीय परमार्श दे रहा हूं.'
इस बीच, मंत्री को आईएमए सहित विभिन्न तबकों से आलोचना का सामना करना पड़ा है. आईएमए ने मंत्री से बिना शर्त माफी मांगने और ‘दुर्व्यवहार' के लिए इस्तीफा देने की मांग की. पंजाब में चिकित्सकों की संस्था पीसीएमएस एसोसिएशन ने भी बयान जारी कर कुलपति के साथ किए गए कथित 'अभद्र व्यवहार' की कड़ी निंदा की. ‘इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन' ने एक बयान जारी कर कहा कि सर्वोच्च अकादमिक पद पर आसीन एक व्यक्ति के साथ मंत्री के अपमानजनक व्यवहार से ‘हमें लगता है कि हम तालिबान शासन में जी रहे हैं.' संगठन ने मंत्री को हटाए जाने की मांग की. विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है.
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, 'पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री जौरामाजरा का डॉ. राज बहादुर के साथ अपमानजनक व्यवहार बेहद निंदनीय है. मंत्री को उनसे माफी मांगना चाहिए.'
I couldn't see eye to eye with Dr Raj Bahadur Ji, as there was helplessness in his eyes. It was not he who felt insulted and humiliated, but all of us together. Entire Punjab stands in solidarity with you, Sir. pic.twitter.com/CxPY2aU4Jp
— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) July 30, 2022
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक ट्वीट में कहा, 'स्वास्थ्य मंत्री ने बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज बहादुर के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, वह बिलकुल अनुचित है. मुख्यमंत्री भगवंत मान को मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.'
My statement on Health Minister's misbehaviour with VC Baba Farid University Dr. Raj Bahadur. pic.twitter.com/Dy00YGWr7U
— Partap Singh Bajwa (@Partap_Sbajwa) July 30, 2022
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन जौरामाजरा का अपमानजनक और घटिया बर्ताव अस्वीकार्य है. मंत्री को विख्यात डॉक्टर राज बहादुर से न केवल माफी मांगनी चाहिए, बल्कि उन्हें (जौरामाजरा को) तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. यह भगवंत मान के लिए चिकित्सा समुदाय में विश्वास बहाल करने का मामला है.'
Outrageous & atrocious behaviour of Punjab Health Minister Chetan Jouramajra is unacceptable. Not only should he apologise to Dr Raj Bahadur a distinguished doctor, he should be sacked immediately. This is a test case for @BhagwantMann to restore confidence of medical community.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 30, 2022
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मंत्री का व्यवहार 'निंदनीय' है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि एक प्रसिद्ध डॉक्टर के साथ किया गया बर्ताव शर्मनाक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
इस बीच, विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए ‘आप' ने उन पर ‘इस मामले को लेकर मीडिया के सामने नंबर बढ़ाने के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाने' का आरोप लगाया. इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा, ‘विपक्ष इस मुद्दे पर जिस तरह से गंदी राजनीति कर रहा है, वह भी उतना ही दुर्भाग्यपूर्ण है.'
कंग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में सफाई और बिस्तरों की खराब हालत देखकर व्यथित हो गए थे, जहां ज्यादातर गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं. जब खराब स्वास्थ्य स्थितियों के कारण किसी गरीब की मौत होती है, तब तो विपक्ष से कोई नहीं बोलता.'
‘आप' नेता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री व्यवस्था में बदलाव लाने के उद्देश्य से एक महीने से विभिन्न सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘वह किसी का अपमान नहीं करना चाहते थे, लेकिन ‘आप' सरकार व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी.'
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं