जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने एक रिटायर्ड कर्नल के सुझाव पर सहमति जताई है, जिसमें हर तरह के कश्मीरी सामान के बहिष्कार करने की अपील की की गई है. खुद को हिंदूवादी चिंतक बताने वाले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि एक रिटायर्ड कर्नल ने सुझाव दिया है कि हमें हर तरह के कश्मीरी सामानों का बहिष्कार करना चाहिए. इतना ही नहीं, हमें कश्मीर भी नहीं जाना चाहिए और मैं भी इससे सहमत होना चाहता हूं.
राज्यपाल तथागत रॉय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक रिटायर्ड कर्नल के अनुरोध को लिखा, जिसके मुताबिक- 'भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल की एक अपील: कश्मीर का दौरा न करें, अगले 2 वर्षों के लिए अमरनाथ न जाएं. कश्मीरी या कश्मीरी ट्रेडमैन के सामान न खरीदेंस, जो हर सर्दियों में आते हैं. हर तरह के कश्मीरी चीजों का बहिष्कार करें. मैं इससे सहमत होना चाहता हूं. '
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An appeal from a retired colonel of the Indian Army: Don't visit Kashmir,don't go to Amarnath for the next 2 years. Don't buy articles from Kashmir emporia or Kashmiri tradesman who come every winter. Boycott everything Kashmiri.
— Tathagata Roy (@tathagata2) February 19, 2019
I am inclined to agree
उन्होंने एक और ट्वीट किया और लिखा कि 'रिटायर्ड कर्लन के सुझाव से सहमति जताने पर मीडिया और अन्य जगहों पर काफी कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है. मगर जिस तरह से 35. लाख कश्मीरी पंडितों को बाहर निकाला गया और हमारे सैकड़ों जवानों को मारा गया, उस पर यह पूरी तरह से अहिंसक प्रतिक्रिया है. '
Vociferously violent reactions from media and several others to my ECHOING OF a suggestion from a retired army colonel. A purely NON-VIOLENT REACTION to the killing of our soldiers by the hundreds and the driving out of 3.5 lakh Kashmiri Pandits.
— Tathagata Roy (@tathagata2) February 19, 2019
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उन्होंने एक और ट्वीट किया कि 'पाकिस्तान की सेना (जो कश्मीरी अलगाववादियों को निर्देश देती है) 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में थी. वहां पाकिस्तानी सैनिकों ने राइट और लेफ्ट बलात्कार और हत्याएं की. वह भारत की पिटाई से बचने के लिए ईपी रखा था. मैं यह सुझाव नहीं दे रहा हूं कि हम उतनी दूर जाएं. लेकिन कम से कम कुछ दूरी?.'
The Pakistan Army (who are handling the Kashmiri separatists) was among their own in East Pakistan in 1971. They slaughtered and raped right and left. And they would have kept EP but for the whacking from India.
— Tathagata Roy (@tathagata2) February 19, 2019
I am not suggesting that we go that far. But at least some distance? https://t.co/WxzEpdnw4Z
दरअसल, गुरुवार यानी 14 फरवरी को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. इस काफिले में करीब 78 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे. उसी दौरान बाईं ओर से ओवरटेक कर विस्फोटक से लदी एक कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी. आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 60 किलो विस्फोटक थे. इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें 40 जवान शहीद हो गए.
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