भोपाल में बन रहे बूचड़खाने का बजरंग दल और अन्य संगठन विरोध कर रहे हैं
भोपाल:
मध्य प्रदेश में लगता है गोरक्षा के नाम पर बजरंग दल और दूसरे दक्षिणपंथी संगठन सरकार की भी सुनने के मूड़ में नहीं हैं. उज्जैन में शनिवार को स्वघोषित गोरक्षकों का वीडियो वायरल हुआ तो वहीं मंगलवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आदमपुर में बूचड़खाने के मुद्दे पर 28 मंत्रियों के बंगले का घेराव किया.
भोपाल में बजरंग दल के कार्यकर्ता आदमपुर में बन रहे बूचड़खाने का विरोध करने मंत्रियों के बंगले पर पहुंचे, कोई खुली जीप में तो कहीं अलग-अलग दल बनाकर, पोस्टर-बैनर हाथों में लेकर 28 मंत्रियों के बंगलों का घेराव हुआ. घेराव में प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि गाय के मुद्दे पर किसी की नहीं सुनेंगे.
जरंग दल के विभाग संयोजक लोकेन्द्र मालवीय ने कहा ग्रामीण विकास मोर्चे के साथ पिछले चार महीने से उन्होंने मंत्री, विधायक, जिलाधिकारी के यहां 2500 आपत्तियां लगाईं लेकिन उन्हें दरकिनार करते हुए बूचड़खाने के लिए ज़मीन आवंटित की गई है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मोर्चा और बजरंग दल के कार्यकर्ता इस संदर्भ में ज्ञापन देने आए हैं कि वे यह बूचड़खाना किसी भी क़ीमत पर खुलने नहीं देंगे चाहे उन्हें किसी भी हद तक जाना पड़े.
शनिवार को ही स्वघोषित गौरक्षकों ने उज्जैन में एक शख्स को गाय को नुकसान पहुंचाने के शक में बुरी तरह पीटा था. पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन सिर्फ धमकाने और मारपीट का, कहा विवाद पैसों के लेनदेन का था. मंगलवार को भी इन कार्यकर्ताओं को रोकने, समझाने या इस मुद्दे पर बात करने सरकार का कोई प्रवक्ता सामने नहीं आया.
भोपाल में बजरंग दल के कार्यकर्ता आदमपुर में बन रहे बूचड़खाने का विरोध करने मंत्रियों के बंगले पर पहुंचे, कोई खुली जीप में तो कहीं अलग-अलग दल बनाकर, पोस्टर-बैनर हाथों में लेकर 28 मंत्रियों के बंगलों का घेराव हुआ. घेराव में प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि गाय के मुद्दे पर किसी की नहीं सुनेंगे.
जरंग दल के विभाग संयोजक लोकेन्द्र मालवीय ने कहा ग्रामीण विकास मोर्चे के साथ पिछले चार महीने से उन्होंने मंत्री, विधायक, जिलाधिकारी के यहां 2500 आपत्तियां लगाईं लेकिन उन्हें दरकिनार करते हुए बूचड़खाने के लिए ज़मीन आवंटित की गई है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मोर्चा और बजरंग दल के कार्यकर्ता इस संदर्भ में ज्ञापन देने आए हैं कि वे यह बूचड़खाना किसी भी क़ीमत पर खुलने नहीं देंगे चाहे उन्हें किसी भी हद तक जाना पड़े.
शनिवार को ही स्वघोषित गौरक्षकों ने उज्जैन में एक शख्स को गाय को नुकसान पहुंचाने के शक में बुरी तरह पीटा था. पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन सिर्फ धमकाने और मारपीट का, कहा विवाद पैसों के लेनदेन का था. मंगलवार को भी इन कार्यकर्ताओं को रोकने, समझाने या इस मुद्दे पर बात करने सरकार का कोई प्रवक्ता सामने नहीं आया.
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