नई दिल्ली : यूक्रेन में भारत के लगभग 20000 बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, जो कि युद्ध के दौरान वापस भारत आ गए थे. अब यूक्रेन में वहां की यूनिवर्सिटीज़ ने ऑफ़ लाइन क्लॉसेस शुरू कर दी हैं और इन बच्चों को यूक्रेन आकर क्लासेस लेने के लिए कहा है. लेकिन इन बच्चों को यूक्रेन पहुंचने में बेहद मुश्किल पेश आ रही है. क्या हैं समस्याएं बता रहे हैं.
यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों के सामने अब समस्या ये आ रही है कि वे यूनिवर्सिटीज़ में कैसे पहुंचे. दरअसल, यूक्रेन के पड़ोसी राज्य ट्रांसिट वीज़ा नहीं दे रहे हैं. यूक्रेन दूतावास के बाहर छात्रों का जमावड़ा लगा हुआ. हज़ारों छात्रों का भविष्य अधर में खड़ा है. वैसे यूक्रेन में रूस के हमले पिछले कुछ दिनों से तेज हो गए हैं. ऐसे में छात्रों का यूक्रेन जाना खतरे से खाली नहीं है. इसके बावजूद छात्र अपनी जान हथेली पर लेकर युद्धरत देश में जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वीजा ही नहीं मिल रहा है.
रूस और यूक्रेन युद्ध को एक साल होने जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है. यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को अमेरिका और यूरोपीय देशों का पूरा समर्थन मिल रहा है. इसी वजह से ये युद्ध इतना लंबा खिंच गया है. हालांकि, अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि युद्ध जल्द समाप्त हो सकता है.
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