कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने भाई राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार को आए इस फैसले के बाद एक बाद एक कई ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफ़र कहा. आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है? कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा क़ायम रखता है…
प्रियंका गांधी इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने देश के लिए भगौड़े साबित किए जा चुके उद्योगपति जिनमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और ललित मोदी शामिल हैं, को लेकर भी ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr, ललित मोदी घोटाला- 425 Cr, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि चाहे, भाजपा के मंत्री हों विधायक हों सांसद हों या फिर प्रधानमंत्री खुद, सुबह से शाम तक मेरे परिवार के बारे में राहुल जी के बारे, मेरे पिता जी के बारे में, मेरी माता जी के बारे में, इंदिरा जी के बारे में और नेहरू जी के बारे में आलोचना करते रहते हैं. ये सिलसिला पुराना है. ये पूरा देश देखत है. उनके खिलाफ किसी जज ने दो साल की सजा नहीं सुनाई, किसी ने संसद की सदस्यता रद्द नहीं की.
#WATCH | Congress leader Priyanka Gandhi Vadra speaks on Rahul Gandhi's disqualification as MP pic.twitter.com/CHYztT4f7H
— ANI (@ANI) March 24, 2023
बता दें कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का विपक्षी पार्टियों के सांसदों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है. शुक्रवार को इन सांसदों ने राहुल गांधी के समर्थन में विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकालने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और सभी को विजय चौक के पास से ही हिरासत में ले लिया गया.
विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने "लोकतंत्र खतरे में" का बैनकर लेकर अपना मार्च शुरू किया था. पुलिस ने उन्हें विजय चौक के पास ही हिरासत में ले लिया. पुलिस ने सांसदों को हिरासत में लेने के बाद एक बयान भी जारी किया. जिसमे कहा गया है कि सासंदों के पास राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने के लिए अनुमति नहीं थी.
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