दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुक आउट नोटिस रद्द कर दिया। प्रिया को जनवरी 2015 में लंदन के लिए उड़ान भरने वाले विमान से नीचे उतार दिया गया था। ग्रीनपीस इंडिया ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है।
न्यायमूर्ति राजीव शाकधर ने 11 जनवरी को दिल्ली हवाईअड्डे पर आव्रजन विभाग के अधिकारियों द्वारा पिल्लई को लंदन जा रहे विमान से नीचे उतारने के दौरान दिए गए निर्देशों को वापस लेने का आदेश भी केंद्र सरकार को दिया है। पिल्लई को मध्य प्रदेश के महान क्षेत्र में स्थानीय समुदायों के बीच उनके अभियान पर चर्चा के लिए लंदन आमंत्रित किया गया था। उनका यह अभियान यहां प्रस्तावित एक कोयला खनन परियोजना से स्थानीय समुदाय के जीविकोपार्जन पर पड़ने वाले खतरे को लेकर है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर लंदन जा रहे विमान में सवार पिल्लई को उतार दिया गया था। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके खिलाफ प्रिया ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत को यह बताया था कि पिल्लई 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल' हैं और इसलिए उन्हें हवाईअड्डे पर विमान से नीचे उतारा गया।
ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के खिलाफ लुक आउट नोटिस रद्द करने के फैसले का स्वागत किया है। पिल्लई ने कहा, "हमें राहत मिली है कि अदालत ने सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को कुचल दिया है। मेरी यात्रा पर प्रतिबंध नागरिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन था।"
"यदि यह सरकार समावेशी विकास और सभी के लाभ के अपने वादों के प्रति ईमानदार है तो सरकार को जनता का दमन करने के बजाए उसके साथ मिल कर काम करने की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि यह ग्रीनपीस इंडिया और अन्य ईमानदार कार्यकर्ताओं द्वारा झेले जा रहे उत्पीड़न के अंत का संकेत है।"
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