केन्द्र ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार से कहा कि वह राजीव गांधी हत्या मामले के सातों दोषियों को रिहा न करे। केन्द्र का कहना है कि ऐसे फैसले लेने से पहले सलाह मशविरा होना चाहिए।
तमिलनाडु सरकार को भेजे पत्र में गृहमंत्रालय ने कहा कि सातों आरोपियों पर टाडा, हथियार कानून आदि जैसे केन्द्रीय कानूनों के तहत मुकदमा चला था इसलिए केन्द्र सरकार के साथ पहले सलाह मशविरा करना आवश्यक है।
तमिलनाडु सरकार ने सीआरपीसी की धारा 435 के तहत सजा माफी की बात कही थी। इस पर केन्द्र ने ध्यान दिलाया कि कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केन्द्र से सलाह मशविरा किए बिना राज्य सरकार ऐसे अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करेगी।
कानून ने ये भी स्पष्ट किया कि किसी ऐसे मामले में केन्द्र सरकार से पूर्व सलाह मशविरा जरूरी है, जिसकी जांच सीबीआई ने की हो।
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने कहा है कि अदालत के पीठासीन न्यायाधीश या जिसके जरिये दोष की पुष्टि हुई हो, सजा माफी से पहले उनकी राय लेना आवश्यक है। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया।
मंत्रालय ने कहा कि जब कभी भी जांच केन्द्रीय कानूनों के तहत होती है तो माफी देने के किसी भी कदम में केन्द्र सरकार का नजरिया माना जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि सातों दोषियों को मुक्त करने का फैसला न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और कानूनी रूप से मान्य नहीं है।
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