प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा (Principal Advisor PK Sinha) ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. प्रधान सलाहकार का पद 2019 में पीके सिन्हा को समायोजित करने के लिए ही प्रधानमंत्री कार्यालय में 2019 में बनाया गया था. सिन्हा इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.
सिन्हा ने कथित तौर पर निजी कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा है. इसमें कहा गया था कि प्रधान सलाहकार का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल जितना होगा. पूर्व कैबिनेट सचिव पिछले 18 माह से पीएमओ में काम कर रहे थे. सिन्हा मोदी सरकार में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह में गिने जाते हैं. वह तीन बार कार्यकाल में विस्तार के साथ 4 साल तक कैबिनेट सचिव रहे हैं, जो किसी कैबिनेट सचिव का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है.
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में वह कैबिनेट सचिव थे. जब वर्ष 2019 में मोदी दोबारा सत्ता में लौटे तो उन्हें पीएमओ में ओएसडी के तौर पर नियुक्ति मिली. जब नृपेंद्र मिश्रा पीएमओ से बाहर गए तो सिन्हा को प्रधान सलाहकार बनाया गया. सिन्हा के लिए पद को सृजित किया गया, लेकिन कोई आधिकारिक रैंक नहीं दी गई.
जैसा कि पीके मिश्रा और अजित डोभाल के मामले में किया गया था. दोनों को कैबिनेट रैंक दी गई थी.1977 बैच के IAS सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री का प्रधान सलाहकार बनाया गया था. सिन्हा ऊर्जा मंत्रालय में सचिव के पद भी काम कर चुके हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय में कई वरिष्ठ अधिकारी तैनात हैं.
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