नई दिल्ली:
पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वह भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित करेंगे।
एक्सप्रेस न्यूज ने बताया कि शरीफ ने सिंह को पाकिस्तान आने के लिए आमंत्रित किया। शरीफ ने यह भी कहा कि वह सिंह को अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी आमंत्रित करेंगे।
नवाज शरीफ ने भारत के साथ ‘उतार-चढ़ाव’ भरे संबंधों को सामान्य बनाने की अपनी इच्छा का पहले ही संकेत दे दिया है।
प्रधानमंत्री ने शरीफ को चुनाव में जीत दर्ज करने की बधाई देने में कोई देरी नहीं की। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनका पाकिस्तान में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है। प्रधानमंत्री ने शरीफ को बधाई देने के साथ ही उन्हें पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय में भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
इधर, पाकिस्तान में नवाज शरीफ की जीत के साथ ही उन्हें भारत आने का न्योता दिए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। भाजपा का कहना है कि मनमोहन सिंह ने नवाज को भारत आने का न्योता देकर काफी जल्दबाजी की है।
दरअसल, शरीफ ने रविवार को एनडीटीवी से कहा था कि उन्हें न्योता मिले या न मिले वह भारत जरूर जाएंगे। इसी के बाद मनमोहन सिंह ने उन्हें भारत आने का न्योता दिया, लेकिन बीजेपी का मानना है कि प्रधानमंत्री को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नवाज शरीफ को चुनावों में उनकी जीत पर बधाई दी और उन्हें परस्पर सुविधाजनक तारीख पर भारत आने का न्योता भी दिया।
शरीफ को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि वह दोनों देशों के रिश्तों में नया अध्याय जोड़ने और नई नियति के लिए उनके और उनकी सरकार के साथ काम करने की प्रतीक्षा में हैं। इसके साथ ही उन्होंने शरीफ को सुविधाजनक समय पर भारत की यात्रा का न्योता भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जनता भी शांति, मित्रता और सहयोग से परिभाषित भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर आपकी सार्वजनिक रूप से स्पष्ट प्रतिबद्धता का स्वागत करती है।
पत्र में शरीफ को ‘प्रिय मियां साहब’ से संबोधित करने वाले सिंह ने पीएमएल एन की ‘शानदार जीत’ पर उन्हें तहेदिल से बधाई दी।
लाहौर में एनडीटीवी से बात करते हुए शरीफ ने कहा कि वर्ष 1999 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट करने से पहले उन्होंने भारत के साथ शांति प्रक्रिया के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कहा, ‘हमने इसे जहां छोड़ा था, वहीं से आगे बढ़ेंगे। हम भारत के साथ बेहतर रिश्तों के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं ताकि शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर सहित अन्य मुद्दे सुलझें। चुनाव प्रचार के दौरान भी शरीफ ने यथाशीघ्र भारत की यात्रा करने की इच्छा जताई थी।
एक्सप्रेस न्यूज ने बताया कि शरीफ ने सिंह को पाकिस्तान आने के लिए आमंत्रित किया। शरीफ ने यह भी कहा कि वह सिंह को अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी आमंत्रित करेंगे।
नवाज शरीफ ने भारत के साथ ‘उतार-चढ़ाव’ भरे संबंधों को सामान्य बनाने की अपनी इच्छा का पहले ही संकेत दे दिया है।
प्रधानमंत्री ने शरीफ को चुनाव में जीत दर्ज करने की बधाई देने में कोई देरी नहीं की। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनका पाकिस्तान में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है। प्रधानमंत्री ने शरीफ को बधाई देने के साथ ही उन्हें पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय में भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
इधर, पाकिस्तान में नवाज शरीफ की जीत के साथ ही उन्हें भारत आने का न्योता दिए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। भाजपा का कहना है कि मनमोहन सिंह ने नवाज को भारत आने का न्योता देकर काफी जल्दबाजी की है।
दरअसल, शरीफ ने रविवार को एनडीटीवी से कहा था कि उन्हें न्योता मिले या न मिले वह भारत जरूर जाएंगे। इसी के बाद मनमोहन सिंह ने उन्हें भारत आने का न्योता दिया, लेकिन बीजेपी का मानना है कि प्रधानमंत्री को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नवाज शरीफ को चुनावों में उनकी जीत पर बधाई दी और उन्हें परस्पर सुविधाजनक तारीख पर भारत आने का न्योता भी दिया।
शरीफ को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री सिंह ने कहा कि वह दोनों देशों के रिश्तों में नया अध्याय जोड़ने और नई नियति के लिए उनके और उनकी सरकार के साथ काम करने की प्रतीक्षा में हैं। इसके साथ ही उन्होंने शरीफ को सुविधाजनक समय पर भारत की यात्रा का न्योता भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जनता भी शांति, मित्रता और सहयोग से परिभाषित भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर आपकी सार्वजनिक रूप से स्पष्ट प्रतिबद्धता का स्वागत करती है।
पत्र में शरीफ को ‘प्रिय मियां साहब’ से संबोधित करने वाले सिंह ने पीएमएल एन की ‘शानदार जीत’ पर उन्हें तहेदिल से बधाई दी।
लाहौर में एनडीटीवी से बात करते हुए शरीफ ने कहा कि वर्ष 1999 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट करने से पहले उन्होंने भारत के साथ शांति प्रक्रिया के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कहा, ‘हमने इसे जहां छोड़ा था, वहीं से आगे बढ़ेंगे। हम भारत के साथ बेहतर रिश्तों के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं ताकि शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर सहित अन्य मुद्दे सुलझें। चुनाव प्रचार के दौरान भी शरीफ ने यथाशीघ्र भारत की यात्रा करने की इच्छा जताई थी।
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