कर्नाटक में प्रीमियम शराब के दाम में मंगलवार से करीब 20 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है, लेकिन नीति में बदलाव लागू होने में करीब एक सप्ताह का समय और लग सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि नए रेट कार्ड की घोषणा अभी भी होनी बाकी है. इस बारे में बात करते हुए शराब व्यापारियों ने कहा कि नए रेट कार्ड की घोषणा अभी नहीं की गई है और नई दर व्यवस्था के तहत अभी तक शराब की सप्लाई भी नहीं हुई है.
शराब के दाम घटाने का क्या मकसद
कर्नाटक सरकार ने प्रीमियम शराब के प्राइस स्लैब में कटौती की घोषणा की है. इससे पहले सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि रेट कम करने का उद्देश्य हाई क्वालिटी ब्रांड की शराब को अधिक किफायती बनाना है. पड़ोसी राज्यों की तुलना में शराब की अधिक कीमतों के कारण राज्य को होने वाले राजस्व घाटे को कम करना है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत कर्नाटक में शराब की दर पड़ोसी राज्यों की दरों के बराबर या बहुत करीब होगी.
दूसरे राज्यों से शराब खरीद रहे थे लोग
इससे पहले, आबकारी विभाग के एक सूत्र ने कहा, "हमारा लक्ष्य लोगों को कर्नाटक के बाहर से प्रीमियम शराब खरीदने से रोकना है. इससे राज्य में बिक्री भी बढ़ेगी और हमारा राजस्व भी बढ़ेगा."पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रीमियम शराब की कीमतों में इजाफे के कारण राज्य सरकार को राजस्व घाटे का सामना करना पड़ रहा था. कर्नाटक में ब्रांडी, रम, जिन और व्हिस्की सहित प्रीमियम शराब की कीमतें काफी अधिक थीं, जिसके कारण लोग शराब को अन्य राज्यों से खरीदते थे, जहां कीमतें कम थीं. ये बिल्कुल वैसा ही है, जैसा कि दिल्ली के लोग गुरुग्राम से शराब खरीदते हैं, क्योंकि वहां शराब के दाम दिल्ली के मुकाबले कम है.
दाम घटने पर क्या बोले आउटलेट मालिक
आउटलेट मालिकों ने कहा, "उत्पाद शुल्क में संशोधन पर अनिश्चितता के कारण पिछले तीन महीनों से लगभग आधे आईएमएफएल ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं हैं." "ग्राहकों को अपने पसंदीदा ब्रांडों के बिना रहना पड़ा." कुछ प्रीमियम ब्रांड, जिनके दाम ज्यादा हैं, उनकी कीमत में गिरावट देखने की संभावना है, और कुछ ब्रांडों की कीमत में बढ़ोतरी होगी. शराब के दाम में कटौती का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना और सरकारी राजस्व को बढ़ाना है. साथ ही राज्य की सीमा से सटे दूसरे राज्यो से शराब की बिक्री को रोकना है.
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