- भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया.
- पीयूष पांडे ने एशियन पेंट्स, कैडबरी, फेविकोल और हच जैसे कई यादगार विज्ञापन बनाए थे.
- उन्होंने राष्ट्रीय एकता गीत भी लिखा था. पोलियो जागरूकता व धूम्रपान विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और ओगिल्वी इंडिया के क्रिएटिव लीडर पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 साल की उम्र में गुरुवार को उनका निधन हो गया. पीयूष पांडे को सिर्फ एक विज्ञापन विशेषज्ञ के रूप में ही नहीं बल्कि ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता था, जिन्होंने भारतीय विज्ञापन को उसकी अपनी भाषा और आत्मा दी. पीयूष पांडे के निधन पर अदाणी ग्रुप में एग्रो और ऑयल एंड गैस के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने एक पोस्ट कर लिखा, ''मेरे प्रिय मित्र पीयूष पांडे के निधन से स्तब्ध हूं, वह रचनात्मक प्रतिभा जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में आकार दिया. उनके विचार उद्योग के मानक बने. उन्होंने कई पीढ़ियों के कहानीकारों को प्रेरित किया. उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमता की बहुत कमी खलेगी. ओम शांति.''
Devastated by the passing of my very dear friend Piyush Pandey, the creative genius who shaped Indian advertising into a global powerhouse. His ideas were the industry's benchmarks and have inspired generations of storytellers. Will sorely miss his warmth and wit.
— Pranav Adani (@PranavAdani) October 24, 2025
Om Shanti 🙏 pic.twitter.com/SxPPUCuf95
पीयूष पांडे द्वारा बनाए गए विज्ञापन आज भी लोगों की यादों में बसे हुए हैं. उन्होंने एशियन पेंट्स के लिए 'हर खुशी में रंग लाए,' कैडबरी के लिए 'कुछ खास है,' फेविकोल के लिए आइकॉनिक 'एग' विज्ञापन और हच के पग वाले विज्ञापन जैसी रचनाएं तैयार कीं. इसके अलावा, उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी नारा 'अबकी बार, मोदी सरकार' दिया. उनका योगदान केवल व्यावसायिक विज्ञापन तक सीमित नहीं था. उन्होंने राष्ट्रीय एकता गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' लिखा और कई सामाजिक अभियान जैसे पोलियो जागरूकता और धूम्रपान विरोधी अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाई.
पांडे को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें 2016 में पद्म श्री से नवाजा गया और 2024 में एलआईए लीजेंड अवार्ड दिया गया. इसके अलावा, उन्हें क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, मीडिया एशिया अवार्ड्स और कान्स लायंस में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं. उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया को वैश्विक स्तर पर सबसे रचनात्मक कार्यालयों में से एक माना गया. उनकी रचनात्मकता, सहजता और भारतीय विज्ञापन को दी गई दिशा उन्हें हमेशा यादगार बनाएगी.
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