
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 सैलानियों की निर्मम हत्या करने वाले आतंकी अभी तक सुरक्षाबलों के हाथ नहीं लगे हैं. कश्मीर में अब इन आतंकियों के पोस्टर पुलिस ने दीवारों पर चिपका दिये हैं. पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में कई जगहों पर 3 वांटेड आतंकियों के पोस्टर चिपकाए हैं. ये आतंकी पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे. इनके बारे में जानकारी देने वालों को 20 लाख का इनाम भी घोषित किया जा चुका है. ऐसा माना जा रहा है कि हमले को अंजाम देने के बाद ये आतंकी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हैं.
पुलिस द्वारा लगाए गए पोस्टर में आतंकी आदिल हुसैन, अली और हाशिम हाथों में बंदूक लिये नजर आ रहे हैं. पुलिस ने लोगों के अपील की है कि ये तीनों जहां कहीं भी नजर आएं, इसकी सूचना तुरंत दी जाए.
पोस्टर में लिखा है...
फोटो में दिख रहे लोग कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं. इन आतंकियों को खोजने या उन्हें पकड़ने में मदद करने वालों को 20 लाख रुपये का इनाम मिलेगा. इन्हें छिपाने या इनकी मदद करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. मुखबिरों को 20 लाख रुपये या इससे अधिक का इनाम मिलेगा.
सूचना देने के लिए संपर्क नंबर:
8491871831 - 7408425711
कश्मीर में शांति भंग करने के लिए जिम्मेदार आतंकी देश और मानवता के दुश्मन हैं. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सीआरपीएफ बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) राजेश कुमार शिविर से बाहर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कई खच्चरवाले और कुछ पर्यटक तेजी से ऊंचाई वाले स्थान से नीचे उतर रहे हैं. इसके बाद कुमार ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि खच्चर वालों ने कहा, 'साहब, ऊपर बैसरन में कुछ हुआ है...शायद गोलियां चली हैं.' सीओ ने तुरंत पास में तैनात अपनी क्यूएटी को जानकारी दी और लगभग 25 कमांडो की एक टीम कीचड़ और पथरीले रास्ते को पार करके 40-45 मिनट में घटनास्थल पर पहुंची.
अधिकारियों ने बताया कि सैनिक ऊपर चढ़ते समय काफी सावधान थे, क्योंकि ऊपर से आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी करने या ग्रेनेड फेंकने की काफी आशंका थी. उन्होंने बताया कि इस बीच, सीआरपीएफ की स्थानीय इकाई ने पहलगाम शहर के चारों ओर चौकियां स्थापित कर दी हैं और घटनास्थल के निकट स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी. अधिकारियों ने बताया कि डेल्टा यूनिट की कंपनी कमांडर, सहायक कमांडेंट राशि सिकरवार भी टीम में शामिल हो गईं और सीओ ने उन्हें महिलाओं व बच्चों की देखभाल करने का काम सौंपा, क्योंकि उनमें से कई घायल थे, चीख रहे थे और डरे हुए थे.
सीआरपीएफ की इकाई उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन अपराह्न करीब 2:30 बजे बैसरन पहुंची, तो यह देखकर ‘हैरान' रह गई कि गोली लगने से घायल तीन लोग जमीन पर पड़े थे और कुछ महिलाएं, बच्चे व पुरुष अलग-अलग स्थानों पर छिपे हुए थे. सीआरपीएफ की टीम ने घायलों को बचाया तथा हमलावरों की तलाश के लिए क्षेत्र की थोड़ी तलाशी भी ली, क्योंकि 'उन्हें आभास हो चुका था कि आतंकवादी हमला हुआ है.' तब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्थानीय थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और दोनों बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए.
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