विज्ञापन
This Article is From Feb 22, 2024

पीएम मोदी 6 मार्च को जाएंगे पश्चिम बंगाल, संदेशखाली के पास करेंगे महिला सम्मेलन को संबोधित

बता दें कि पीएम मोदी का आगामी पश्चिम बंगाल दौरा लोकसभा चुनाव के तहत पार्टी की तैयारियां को मूर्त रूप देने के लिए भी है. जल्द ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों की घोषणा हो सकती है...

पीएम मोदी 6 मार्च को जाएंगे पश्चिम बंगाल, संदेशखाली के पास करेंगे महिला सम्मेलन को संबोधित
6 मार्च को पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने की छह तारीख (6 मार्च) को पश्चिम बंगाल जाएंगे. वे संदेशखाली के पास एक महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली इन दिनों काफी चर्चा में है. यहां की महिलाओं की ओर से यौन उत्पीड़न और हिंसा के आरोप लगाए गए थे. बीजेपी ने भी संदेशखाली को लेकर ममता सरकार को घेरा था. वैसे सूत्रों के मुताबिक- पीएम मोदी का आगामी प. बंगाल दौरा लोकसभा चुनाव के तहत पार्टी की तैयारियां को मूर्त रूप देने के लिए भी है. जल्द ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.

संदेशखाली हिंसा को लेकर बीजेपी भी है हमलावर

बता दें कि पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे से ठीक पहले संदेशखाली हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला था. संदेशखाली पर एक निजी न्यूज चैनल के रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए BJP ने लिखा था कि ये वो सच्चाई है, जो आपको हिला कर देगी. ये वो सच्चाई है, जिसे जानकर आपको दर्द होगा. और ये वो सच्चाई है जो आपकी अंतरात्मा तक को हिलाकर रख देगी. संदेशखाली की ये वो सच्चाई है, जिसे ममता बनर्जी छिपाने की कोशिश कर रही हैं. 

"घटना सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है"

संदेशखाली हिस्सा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. इन सब के बीच बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को संदेशखाली हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला था. संदेशखाली मामले पर रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि यह मुद्दा काफी गंभीर हो चुका है. घटना सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है. ममता जी इसका अभी भी बचाव कर रही हैं. शुभेंदु अधिकारी कोर्ट के आदेश पर संदेशखाली गए और महिलाओं ने रो रो कर उनके सामने अपनी बात खी लेकिन ममता जी इस मामले पर क्या और क्यों छुपा रही है."

"ममता सरकार सीपीएम से भी ज्यादा अत्याचार करती है "

उन्होंने कहा था कि ममता जी सीपीएम के खिलाफ आंदोलन करके आईं, लेकिन आखिर उनका अत्याचार सीपीएम से भी अधिक हो गया. बाकी पार्टियां भी इस पर खामोश क्यों हैं. सीपीएम ने औपचारिक बयान नहीं दिया है और राहुल गांधी चुप क्यों हैं? वोट के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ट्रिपल तलाक पर भी चुप थे. वोट के मामले में सभी चुप रहते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com