स्मार्ट सिटीज परियोजना का उद्घाटन करते पीएम नरेंद्र मोदी
पुणे:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे में स्मार्ट सिटीज मिशन’ लॉन्च कर दिया है। यानी अब 20 शहरों में स्मार्ट परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा। बालेवाड़ी के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए इस कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। हालांकि सरकार की सहयोगी शिवसेना समेत कई विपक्षी दलों के नेता इस मौके पर नहीं आए।
शनिवार को देश भर में चुने हुए 20 शहरों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'भारत के लोग बहुत स्मार्ट हैं और अगर एक बार उनके हुनर का सही इस्तेमाल हो सके, तो चमत्कार हो जाएगा।'
एकीकृत शहरी विकास के लिये बाकी स्मार्ट शहरों में लगभग 1,770 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 69 परियोजनाएं शुरू की गईं, जिसमें ठोस कचरा प्रबंधन, जल-आपूर्ति, शहरों को हरा-भरा बनाने पर काम होगा। भारत की आबादी का 70 फीसदी हिस्सा अब भी भले ही गांवों में रहता हो, लेकिन मोदी को लगता है कि शहर गांवों के विकास के लिये जरूरी हैं एक वक्त पर शहरीकरण को समस्या माना जाता था, लेकिन इसे अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए ..शहर में गरीबी को पचाने की ताकत होती है।
हालांकि पुणे के स्मार्ट बनाने पहुंचे प्रधानमंत्री का कांग्रेस ने विरोध किया। सहयोगी शिवसेना भी कार्यक्रम में नहीं पहुंची, एनसीपी प्रोटोकॉल के नाम पर बिफरती रही, बाद में महापौर सड़क और ट्रैफिक जैसी समस्या गिनाते दिखे। पुणे के मेयर प्रशांत जगताप ने कहा, 'पुणे उपनगरों में फैल रहा है, मैंने गुजारिश की है कि शहर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिये निवेश किया जाए।'
बहरहाल विपक्ष और सहयोगियों की सियासत के बीच पीएम ने अपने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए स्पर्धा का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर पहले चरण के सारे 20 स्मार्ट शहरों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया। पहले चरण में इन 20 शहरों को स्मार्ट बनाने के नाम पर आने वाले सालों में 48000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
शनिवार को देश भर में चुने हुए 20 शहरों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'भारत के लोग बहुत स्मार्ट हैं और अगर एक बार उनके हुनर का सही इस्तेमाल हो सके, तो चमत्कार हो जाएगा।'
एकीकृत शहरी विकास के लिये बाकी स्मार्ट शहरों में लगभग 1,770 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 69 परियोजनाएं शुरू की गईं, जिसमें ठोस कचरा प्रबंधन, जल-आपूर्ति, शहरों को हरा-भरा बनाने पर काम होगा। भारत की आबादी का 70 फीसदी हिस्सा अब भी भले ही गांवों में रहता हो, लेकिन मोदी को लगता है कि शहर गांवों के विकास के लिये जरूरी हैं एक वक्त पर शहरीकरण को समस्या माना जाता था, लेकिन इसे अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए ..शहर में गरीबी को पचाने की ताकत होती है।
हालांकि पुणे के स्मार्ट बनाने पहुंचे प्रधानमंत्री का कांग्रेस ने विरोध किया। सहयोगी शिवसेना भी कार्यक्रम में नहीं पहुंची, एनसीपी प्रोटोकॉल के नाम पर बिफरती रही, बाद में महापौर सड़क और ट्रैफिक जैसी समस्या गिनाते दिखे। पुणे के मेयर प्रशांत जगताप ने कहा, 'पुणे उपनगरों में फैल रहा है, मैंने गुजारिश की है कि शहर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिये निवेश किया जाए।'
बहरहाल विपक्ष और सहयोगियों की सियासत के बीच पीएम ने अपने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए स्पर्धा का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर पहले चरण के सारे 20 स्मार्ट शहरों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया। पहले चरण में इन 20 शहरों को स्मार्ट बनाने के नाम पर आने वाले सालों में 48000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
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