उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीटर पर कहा, 'यूपी के गतिशील और मेहनती सीएम श्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन पर शुभकामनाएं. उनकी अगुवाई में राज्य सभी क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छू रहा है. नागरिकों को जीवन में विकास को देखा जा सकता है. ईश्वर उन्हें स्वास्थ और दीर्घायु रखे'. गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा, ' उत्तर प्रदेश के सीएम श्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ. प्रदेश में सुशासन, कानून व्यवस्था और जनता के कल्याण के प्रति आपका समर्पण बहुत ही प्रशंसनीय है. आपके नेतृत्व में प्रदेश नित विकास पथ पर अग्रसर रहे और आप स्वस्थ व दीर्घायु हो ऐसी ईश्वर से कामना करता हूं.'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'उ. प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ! उन्होंने न केवल एक कर्मठ एवं कुशल प्रशासक के रूप में स्वयं को साबित किया है बल्कि प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में भी पूरे मनोयोग से लगे हुए है।मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु होने की कामना करता हूँ'. दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ का कद बीजेपी में हमेशा से ही अहम रहा है. वह आरएसएस की पृष्ठभूमि से नहीं होते हैं लेकिन वह हिंदुत्व की राजनीति के लिए इस समय सबसे बड़े पोस्टर ब्वाय हैं. यहां ये भी कहा जा सकता है कि इस मामले में उनका मुकाबला गृहमंत्री अमित शाह से है तो गलत न होगा.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बिना किसी चेहरे के चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव के पहले ही इस बात की काफी संभावनाएं बन गई थीं. सीएम की कुर्सी योगी आदित्यनाथ के ही पास जाएगी. चुनाव में योगी आदित्यनाथ के भाषण विवादों में रहे. पहले भी वह कई बार विवादित बयान देते रहे हैं. लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर वह बिलकुल साफ बात करते हैं. बीजेपी की राजनीति में एक कट्टर और एक उदारवादी चेहरे वाला नेता हमेशा रहा है. सीएम योगी के प्रशंसक उनको भविष्य में केंद्र की राजनीति में देखना चाहते हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ इस समय 403 विधानसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं. यहां पर 80 लोकसभा सीटे हैं. साल 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी भले ही उपचुनाव में गोरखपुर सीट हार गई थी. यह योगी आदित्यनाथ की सीट थी और इस पर बीजेपी को अजेय माना जाता है. हालांकि चर्चा इस बात की भी थी कि इस सीट पर टिकट योगी के मन मुताबिक नहीं दिया गया था और नतीजा बीजेपी के खिलाफ रहा है.योगी के पक्ष में एक और बात जाती है कि BJP में केंद्र की राजनीति में फिलहाल अभी ऐसा कोई नेता नहीं है जो यूपी से आता है और उन्हें टक्कर दे सके.
योगी ने सीएम बनने के बाद उस अंधविश्वास को भी तोड़ा में जिसमें उत्तर प्रदेश के सीएम नोएडा आने से कतराते थे. माना जाता है कि जो नोएडा आता है उसे दोबारा कुर्सी नहीं मिलती हैं. लेकिन सीएम योगी कई बार नोएडा आ चुके हैं और मंच पर पीएम मोदी उनकी तारीफ कर चुके हैं. बीजेपी को पता है कि पार्टी अगर उत्तर प्रदेश में कमजोर हुई तो केंद्र में उसका सत्ता मे बने रहना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए योगी बीजेपी के लिए जरूरी हैं. वहीं जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी दलित राजनिति के जरिए दखल बढ़ रही हैं तो योगी के हिंदुत्व पर दिए भाषण काम सकते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं