LIVE Updates:
- ईस्ट लेक झील के किनारे टहलने के बाद पीएम मोदी ने बोट राइडिंग किया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग चाय का आनंद लेते हुए
- झील किनारे टहलते पीएम मोदी और शी चिनफिंग...
- पीएम मोदी और शी चिनफिंग झील किनारे चलते-चलते अहम मुद्दों पर चर्चा की
- चीनी अखबारों में भी छाए रहे पीएम मोदी, पीएम मोदी और चिनफिंग के मुलाकात को मिली अच्छी कवरेज
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यांगज़े नदी के किनारे बसे वूहान शहर में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक चीनी तरीके से स्वागत हुआ. सूत्रों के मुताबिक, 2017 में करीब 70 दिन तक डोकलाम पर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने होने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव कम करने के लिए पिछले सितंबर से ही इस अनौपचारिक मुलाकात की तैयारियां चल रही थीं.
गौरतलब है कि यह पीएम मोदी और शी चिनफिंग की अनौपचारिक मुलाकात है. अनौपचारिक मुलाकात का का ये भी मतलब है कि ना कोई साझा बयान होगा, ना ही किसी समझौते पर दस्तखत होंगे. लेकिन आने वाले दिनों में ये साफ ज़रूर हो जाएगा कि मुलाकात का असर हुआ या नहीं.
आज का कार्यक्रम:
- 28 अप्रैल को 7 बजे से 7.30 बजे :पीएम मोदी शी चिनफिंग के साथ ईस्ट लेक किनारे टहलेंगे.
- 8.बजे से 8.30 बजे : ईस्ट झील में पीएम मोदी राष्ट्रपति चिनफिंग के साथ बोट राइडिंग का आनंद लेंगे.
- 9 बजे : राष्ट्रपति चिनफिंग के साथ पीएम मोदी लंच करेंगे.
इससे पहले चीन दौरे के पहले दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने के लिए‘व्यापक एवं सार्थक’ वार्ता की. उन्होंने दोनों देशों के लोगों और दुनिया की भलाई के लिए साथ मिल कर काम करने के तरीकों पर विचारों का आदान- प्रदान किया.
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वुहान में ‘दिल से दिल की बात’ बैठक को पिछले साल 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत और चीन के अपने संबंधों को सुधारने और विश्वास बहाली की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. मोदी ने प्रथम दिन की वार्ता के बाद ट्वीट किया, ‘‘वुहान में राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलकर खुश हूं। हमारी वार्ता व्यापक और सार्थक रही. हमने भारत - चीन संबंधों को और मजबूत करने और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.’
अधिकारियों ने बताया कि वार्ता दो घंटे से अधिक समय तक चली जबकि आधा घंटा का ही कार्यक्रम था. इससे चर्चा की गंभीरता का संकेत मिलता है. दोनों नेताओं के बीच वार्ता प्रथम दिन रात्रिभोज कूटनीति के साथ समाप्त हुई. शी ने मशहूर ईस्ट लेक में मोदी के लिए भोज का आयोजन किया. शी गर्मजोशी और दोस्ती का प्रदर्शन करते हुए मोदी को छोड़ने के लिए उनकी कार तक गए.
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वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने अगले साल भारत में अगली अनौपचारिक बैठक की मेजबानी करने की शी से पेशकश की. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी होगी, यदि 2019 में हम भारत में इस तरह की एक अनौपचारिक बैठक करें.’ दोनों नेताओं ने अपनी अनौपचारिक बैठक 2014 में शुरू की थी जब मोदी ने गुजरात के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह भविष्य में यकीन रखते हैं और वे समय - समय पर इस तरह की बैठक में मिल सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे गहन बाचतीत करने की आशा करता हूं और सुनिश्चित करूंगा कि हम आपसी समझ बनाएं और चीन - भारत संबंधों को अगले स्तर तक ले जाएं.’ मोदी ने सदियों पुराने चीन-भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए शी से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक ‘बड़ा अवसर’ है.
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