विज्ञापन

पीएम मोदी 10 अगस्त को जाएंगे वायनाड, भूस्खलन प्रभावित इलाकों का करेंगे दौरा

भूस्खलन की वजह से केरल में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है. केरल के हालात को देखने के लिए पीएम मोदी वायनाड दौरे पर 10 अगस्त को जाएंगे.

पीएम मोदी 10 अगस्त को जाएंगे वायनाड, भूस्खलन प्रभावित इलाकों का करेंगे दौरा
केरल में भूस्खलन से भारी तबाही

पीएम नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को केरल में वायनाड के दौरे पर जाएंगे. केरल के वायनाड में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है. भूस्खलन की वजह से केरल में कई जगहों पर भारी जान-माल का नुकसान हुआ है. केरल के हालात को देखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी वायनाड दौरे पर 10 अगस्त को जाएंगे. इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी वायनाड का दौरा कर चुके हैं. जहां उन्होंने प्रभावित इलाका दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की.

केरल में अभी भी तलाशी अभियान जारी

उत्तरी केरल के वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाश अभियान बृहस्पतिवार को 10वें दिन भी जारी है और आज शव खोजी कुत्तों को अधिक संख्या में आपदा स्थलों पर मलबे के नीचे दबे अवशेषों की तलाश में लगाया गया. चलियार नदी के किनारे दुर्गम इलाकों में विशेष तलाश दलों को उतारने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और आपदा प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई के छह अलग-अलग क्षेत्रों में और अधिक बचाव दल, भारी मशीनें और के9 श्वान दस्ते तैनात किए जा रहे हैं.

केरल में भूस्खलन से भारी तबाही

केरल के वायनाड में हुए लैंडस्लाइड और मूसलाधार बारिश ने कई गांवों को तहस-नहस कर दिया. बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों को अपनी चपेट में ले लिया. जिस वक्त भूस्खलन हुआ, उस वक्त अधिकतर लोग घरों में सो रहे थे. केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) जिले में भूस्खलन (Landsliding) से भारी तबाही हुई है. केरल देश के उन छह राज्यों में शामिल है जो कि पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण और संवेदनशील है. ऐसे में यहां ऐसी तबाही हुई, जिसने कई लोगों के घर उजाड़ दिए.

इस तरह किया जाएगा पुर्नवास

तलाश अभियान के आगे बढ़ने के साथ साथ राज्य सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों के अस्थायी पुनर्वास के लिए भी काम कर रही है. वायनाड में एक कैबिनेट उप-समिति ने बुधवार को कहा कि पुनर्वास तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में पीड़ितों और अन्य लोगों को प्रभावित क्षेत्रों या आस-पास की पंचायतों की पंचायत सीमा के भीतर खाली पड़े घरों, क्वार्टरों, फ्लैटों और छात्रावासों में तत्काल, लेकिन अस्थायी रूप से बसाया जाएगा.

समिति ने कहा था कि इसके अतिरिक्त, किराये के घर या फ्लैट ढूंढे जाएंगे और सरकारी खर्च पर मुहैया कराए जाएंगे. सरकार के अधीन भवनों और प्रतिष्ठानों का भी इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाएगा. दूसरे चरण में लोगों को उनके स्थायी घरों में स्थानांतरित करने से पहले एक अस्थायी ‘ट्रांजिट गृह' प्रणाली को लागू करना शामिल होगा. समिति के अनुसार, इसके लिए उपयुक्त स्थान ढूंढे जाएंगे और अनुकूल तकनीक का उपयोग करके आवास तैयार किए जाएंगे।

इसने कहा कि पूर्ण पुनर्वास के तहत सभी सुविधाओं के साथ टाउनशिप परियोजना तीसरे चरण में लागू की जाएगी. साथ ही समिति ने कहा कि खोज एवं बचाव अभियान तथा चरणबद्ध पुनर्वास के अलावा सरकार भूस्खलन में अपना सब कुछ खो चुके लोगों की पहचान एवं अन्य दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र बहाल करने के लिए भी काम कर रही है.

(भाषा इनपुट्स के साथ)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com