प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता करेंगे. मामले के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार मोदी पेरिस की अपनी दो दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद वाशिंगटन डीसी जाएंगे.
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनने के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के कुछ ही सप्ताह के भीतर द्विपक्षीय यात्रा पर वाशिंगटन डीसी जाने वाले मोदी कुछ चुनिंदा विदेशी नेताओं में शामिल होंगे.
ट्रंप की जीत के बाद पीएम की पहली द्विपक्षीय यात्रा
नवंबर में अपनी शानदार चुनावी जीत के बाद 20 जनवरी को ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह प्रधान मंत्री की अमेरिका की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. ट्रम्प प्रशासन के सत्ता में आने के कुछ ही हफ्तों के भीतर द्विपक्षीय यात्रा पर वाशिंगटन डीसी की यात्रा करने वाले मुट्ठी भर विदेशी नेताओं में मोदी भी शामिल होंगे.हालाँकि, मोदी की यात्रा पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि नई दिल्ली पीएम मोदी की अमेरिका की "जल्दी" यात्रा के लिए वाशिंगटन के साथ काम कर रही है.प्रधानमंत्री 10 और 11 फरवरी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पेरिस की यात्रा कर रहे हैं.
टैरिफ और आव्रजन मुद्दों पर होगी पीएम मोदी की चिंता
मोदी की अमेरिका यात्रा आव्रजन और टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति के दृष्टिकोण को लेकर भारत में चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है. राष्ट्रपति ट्रम्प ने रविवार को कनाडाई और मैक्सिकन आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ के साथ-साथ चीनी सामानों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा की.
27 जनवरी को फोन पर बातचीत के दौरान मोदी और ट्रंप ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ एक "विश्वसनीय" साझेदारी की दिशा में काम करने की इच्छा जताई थी. फोन पर बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने भारत द्वारा अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की ओर बढ़ने के महत्व पर जोर दिया.
नई दिल्ली ने शनिवार को अपने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करने और परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित करने की योजना की घोषणा की, यह कदम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले आया है. भारत के परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 के कुछ खंड ऐतिहासिक नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन में आगे बढ़ने में बाधा बनकर उभरे हैं, जो लगभग 16 साल पहले दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच तय हुआ था.
पता चला है कि भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) में अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु सहयोग की संभावना तलाश रहा है. अमेरिका स्थित होल्टेक इंटरनेशनल को विश्व स्तर पर एसएमआर के अग्रणी निर्यातकों में से एक माना जाता है और ऐसा समझा जाता है कि परमाणु ऊर्जा विभाग अमेरिकी फर्म के साथ कुछ सहयोग करने में रुचि रखता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं