
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की जयंती पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वह सामाजिक न्याय के प्रतीक थे. जिन्होंने अपना जीवन वंचितों को सशक्त बनाने एवंएक मजबूत भारत के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया. नेता राम मनोहर लोहिया का जन्म 1910 में हुआ था. उन्होंने जन राजनीति में निहित अपने विचारों से समाजवादी राजनीति को समृद्ध किया और कांग्रेस पार्टी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह अनेक नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए प्रेरणास्रोत रहे. 1967 में उनका निधन हो गया.
पीएम मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘डॉ. राम मनोहर लोहिया का उनकी जयंती पर स्मरण करता हूं. एक दूरदर्शी नेता, प्रखर स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक न्याय के प्रतीक, उन्होंने अपना जीवन वंचितों को सशक्त बनाने और एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया.''
Remembering Dr. Ram Manohar Lohia on his birth anniversary. A visionary leader, fierce freedom fighter and an icon of social justice, he dedicated his life to empowering the underprivileged and building a strong India. pic.twitter.com/zyvsuaKmRv
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2025
राम मनोहर लोहिया का कद भारतीय राजनीति में अद्वितीय था. देश में उन्हीं की विचारधारा पर आज भी कई पार्टियां राजनीति करती है. उन्होंने एक ऐसी दुनिया का सपना देखा, जिसमें न सीमाएं हों और न बंधन. उनका निधन 12 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनके सहयोगी अक्सर उन्हें जीनियस कहकर बुलाया करते थे. वह शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी प्रखर थे. वे स्कूल और कॉलेज में हमेशा प्रथम श्रेणी में पास होते रहे.
उच्च शिक्षा के लिए जब वे जर्मनी गए, तो उन्होंने इतनी जल्दी जर्मन भाषा पर कमांड हासिल की कि अपना पूरा रिसर्च पेपर उसी भाषा में लिख डाला. वह कई भाषाएं जानते थे, जिसमें मराठी, बांग्ला, हिंदी, अंग्रेजी, जर्मन और फ्रेंच शामिल थी.
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