प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपनी कुवैत की दो दिनों दिवसीय यात्रा पर हैं. शनिवार को पीएम मोदी ने कुवैत के जाबेर अल-अहमद इंटरनेशनल स्टेडियम में 26वें अरेबियन गल्फ कप का उद्घाटन भी किया. पीएम मोदी इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. आपको बता दें कि बीते 43 सालों में ये किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत का पहला दौरा है. पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल जाबेर अल सबाह के निमंत्रण पर कुवैत की यात्रा पर हैं. इस उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी के साथ-साथ कुवैत के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे.
Attended the opening ceremony of the Arabian Gulf Cup. This grand sporting event celebrates the spirit of football in the region. I thank His Highness Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah, the Amir of Kuwait, for inviting me to witness this event. pic.twitter.com/irYOi3SEvh
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2024
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा की तस्वीरें
पीएम मोदी ने अरेबियन गल्फ कप के मौके पर उनके साथ मौजूद अन्य गणमान्य लोगों की तस्वीरें अपने एक्स हैंडल से पोस्ट भी किया है. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा है कि अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भाग लिया. यह भव्य आयोजन क्षेत्र में फुटबॉल की भावना का जश्न मनाता है. इस कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए कुवैत के अमीर महामहिम शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा को धन्यवाद देता हूं.
आपको बता दें कि पीएम मोदी इस उद्घाटन समारोह में शामिल होने से पहले कुवैत और भारत के मजबूतो होते रिश्ते पर भी अपनी बात रखी थी. उन्होंने कुवैत पहुंचने के बाद कहा था कि भारत और कुवैत का रिश्ता. सभ्यताओं का है. सागर का है. व्यापार-कारोबार का है. भारत और कुवैत, अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं. हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं, बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है.
उन्होंने आगे कहा था कि हमारा वर्तमान ही नहीं, बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है.एक समय था जब कुवैत से मोती, खजूर और शानदार नस्ल के घोड़े भारत जाते थे. और भारत से भी बहुत सारा सामान यहां आता रहा है. भारत के चावल, भारत की चाय, भारत के मसाले,कपड़े, लकड़ी यहां आती थी. भारत की टीक वुड से बनी नौकाओं में सवार होकर कुवैत के नाविक लंबी यात्राएं करते थे. कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है, तो उसमें कुवैत के मोतियों का भी योगदान है. गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं, कि पिछली शताब्दियों में कुवैत से कैसे लोगों का, व्यापारी-कारोबारियों का आना-जाना रहता था. खासतौर पर नाइनटीन्थ सेंचुरी में ही, कुवैत से व्यापारी सूरत आने लगे थे. तब सूरत, कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था. सूरत हो, पोरबंदर हो, वेरावल हो, गुजरात के बंदरगाह इन पुराने संबंधों के साक्षी हैं.
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