एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अयोध्या विवाद को लेकर 17 नवंबर तक फैसला आ जाने की उम्मीद जताई है वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस मुद्दे पर एक बार फिर से हवा देने की कोशिश की है. महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित एक रैली में आज पीएम मोदी ने कहा कि कुछ बयान बहादुर लोग राम मंदिर (Ram Temple) को लेकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. देश के सभी नागरिकों का सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान बहुत जरूरी है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा हो, जब सुप्रीम कोर्ट लगातार दलीलें सुन रहा है, तब ये बयान बहादुर कहां से आ गए. हमारा अपनी न्याय प्रणाली और संविधान पर भरोसा होना चाहिए.
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'नासिक की पवित्र धरती से मैं देशभर में बयान बहादुरों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि प्रभु श्रीराम के खातिर भारत की न्याय प्रणाली के प्रति अपनी श्रद्धा रखें'. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र राज्य के नासिक से चुनावी बिगुल फूंका. यहां वह 'महाजनादेश यात्रा समारोह' में शामिल हुए और मौजूद जनसभा रैली को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि हमें अब नया कश्मीर बनाना है और हर कश्मीरी को गले भी लगाना है. बीजेपी के लिए देश से बड़ा कुछ भी नहीं. कश्मीरी जनता रोजगार और विकास चाहती है. हमने पूरे देश से वादा किया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख की समस्याओं के समाधान के लिए नए प्रयास करेंगे. आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि देश उस सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़ा है. जम्मू कश्मीर में भारत के संविधान को समग्रता से लागू करना सिर्फ एक सरकार का फैसला नहीं है, ये 130 करोड़ भारतीयों की भावना का प्रकटीकरण है.
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर ताजा घटनाक्रम
- 18 सितंबर को अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 26वें दिन की सुनवाई हुई.
- CJI रंजन गोगोई ने सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद जताई.
- मुस्लिम पक्षकारों के मुताबिक 27 सितंबर तक अपनी बहस पूरी कर लेंगे.
- रामलला विराजमान ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 2 दिनों का वक्त चहिये.
- सुनवाई के बाद जजमेंट लिखने के लिए जजों को चार हफ्तों का वक्त मिलेगा.
- मध्यस्थता शुरु होती है तो जरूरी नहीं कि 18 अक्तूबर तक पूरी हो.
- पैनल इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले भी दाखिल कर सकता है.
- अगर समझौता हो जाता है तो इसे संविधान पीठ को भेजना होगा.
- पीठ मामले में आदेश जारी करेगा और समझौते पर मुहर लगाएगा.
- 17 नवंबर तक फैसला आ सकता है.
- चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई इसी दिन (17 नवंबर) रिटायर भी होंगे.
खबरों की खबर: अयोध्या जमीन विवाद का फैसला 17 नवंबर से पहले!
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