PM Modi New Cabinet: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में जब बीजेपी बहुमत के आंकड़े 272 से पीछे रह गई, तो कई राजनीतिक पंडितों ने कहा कि अब सहयोगी दल हावी हो सकते हैं. कुछ ने कहा कि मोदी 3.0 में इसका असर देखने को मिलेगा, क्योंकि सहयोगी दल दबाव बनाएंगे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वभाव किसी से छिपा नहीं है. पिछले 10 सालों में उन्होंने जिस अंदाज में सरकार चलाई, उससे साफ था कि पीएम मोदी दबाव की राजनीति में काम करने वाले नेता नहीं हैं. राष्ट्रपति भवन में जब रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में एक के बाद एक नेता शपथ लेने आए, तो यह साफ हो गया कि 'मोदी हैं, तभी ये मुमकिन' हो पाया. मोदी कैबिनेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 71 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है. इनमें से सहयोगी दलों से सिर्फ 11 मंत्री हैं.
मोदी 3.0 में नहीं दिखा दबाव
बीजेपी ने इस बार उम्मीद से बेहद कम सिर्फ 240 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें कम. ऐसे में माना जा रहा था कि बीजेपी सहयोगियों को ज्यादा मंत्री दिये जाएंगे. लेकिन कुल 71 मंत्रियों में से 60 मंत्री पद बीजेपी ने अपने पास रखे हैं. इनमें 25 कैबिनेट मंत्री, 3 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 32 राज्य मंत्री शामिल हैं. बीजेपी के मौजूदा लोकसभा सांसदों की संख्या मिले इन मंत्री पदों का प्रतिशत 25 है. ऐसी खबरों का बाजार काफी गर्म था कि सहयोगी दलों ने शपथ ग्रहण से पहले अपनी मांगें बीजेपी के सामने रख दी हैं. जेडीयू के वरिष्ठ ने केसी त्यागी ने तो यह दावा कर सबको चौंका दिया कि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का पद ऑफर किया है. कई लोगों ने इसे दबाव की राजनीति का हिस्सा भी करार दिया.
19 कैबिनेट मंत्री समेत 34 पुराने मंत्री बरकरार
प्रधानमंत्री मोदी ने चुन-चुनकर अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ये कहना गलत नहीं होगा. ऐसा माना जा रहा था कि इस बार मोदी कैबिनेट की पूरी तस्वीर बदल जाएगी, लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिला. पीएम मोदी ने अपनी निवर्तमान मंत्रिपरिषद के 19 कैबिनेट मंत्रियों समेत 34 मंत्रियों को बरकरार रखा है. इनमें कैबिनेट मंत्रियों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर शामिल है, जो प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में निरंतरता और अनुभव पर जोर को दर्शाता है. अन्नपूर्णा देवी एकमात्र ऐसी मंत्री हैं जिन्हें राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, जबकि एल. मुरुगन पिछले मंत्रिपरिषद के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद दोबारा मंत्री बनाया गया है. वह पहले से ही राज्यसभा के सदस्य हैं. कुछ मंत्रियों को एक अंतराल के बाद वापस लाया गया है, जिनमें भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा भी शामिल हैं, जो मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री थे. जुएल ओराम और अजय टम्टा भी पहले मंत्री थे और कुछ अंतराल के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
मोदी कैबिनेट में पेशेवरों का मिश्रण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेश काबिलियत को तवज्जो दी है, ये उनकी नई कैबिनेट में भी देखने को मिल रहा है. पीएम मोदी की 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में 30 कैबिनेट मंत्रियों में से छह वकील हैं, तीन एमबीए डिग्री धारक हैं और 10 स्नातकोत्तर हैं, जिससे यह पेशेवरों का एक अच्छा मेल है. प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह उन लोगों में शामिल हैं, जिनके पास स्नातकोत्तर डिग्री है. कानून की डिग्री रखने वाले छह लोगों में कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, जे पी नड्डा, पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव और किरेन रीजीजू शामिल हैं. स्नातकोत्तर डिग्रीधारी मंत्रियों में राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. वीरेंद्र कुमार, मनसुख मांडविया, हरदीप सिंह पुरी, अन्नपूर्णा देवी और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. छह मंत्री स्नातक हैं, जिनमें मनोहर लाल खट्टर, एच डी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, प्रह्लाद जोशी और गिरिराज सिंह हैं.
राजनाथ, शाह, गडकरी और नड्डा फिर मंत्री बने
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जो यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री निरंतरता और अनुभव पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि शपथ लेने वाले ज्यादातर नेता उनके दूसरे कार्यकाल में भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अश्विनी वैष्णव, वीरेंद्र कुमार, प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह और जुएल उरांव ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
जातिगत समीकरण के हिसाब से मोदी का नया मंत्रिमंडल
प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में इस बार 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं. सभी मंत्री देश के 24 राज्यों के साथ-साथ सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पीएम मोदी के इस नए मंत्रिमंडल में 21 सवर्ण, 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी, 5 अल्पसंख्यक मंत्री शामिल हैं. इसमें 18 वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं.
(भाषा इनपुट के साथ...)
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