नए ज़मीन अधिग्रहण बिल पर जारी राजनितिक गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा कानून में बदलाव के प्रस्ताव को ज़रूरी और जायज़ ठहराया है। मध्य प्रदेश के खंडवा मे श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बाद किसानों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया करने के लिए मौजूदा कानून को बदलना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले जो कानून बना था वो आपको ज़मीन देने के लिए मना कर रहा था, क्या उसमें सुधार होना चाहिए या नहीं?
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो सरकार के विकास के एजेंडा को रोकने की कोशिश कर रही है और राज्यसभा में अपने बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, "राज्यसभा में आपका बहुमत है। इस बहुमत से आप देश के विकास की गाड़ी को मत रोकिए। ये हकीकत है कि राज्यसभा में हमारे पास बहुमत नहीं है। आपके बहुमत के बिना हम देश की भलाई का काम नहीं कर पाएंगे"।
उधर, कांग्रेस ज़मीन अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करने के अपने फैसले पर कायम है। पार्टी कंसेंट क्लॉज़ और सामाजिक असर के अध्ययन से कुछ प्रोजेक्ट्स को बाहर रखने के सख्त खिलाफ है। पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने एनडीटीवी से कहा, "हम ज़मीन अधिग्रहण बिल का कैसे समर्थन कर सकते हैं? सरकार ने जो संशोधन किए हैं उससे कानून कमज़ोर हुआ है। ये किसानों के हित के खिलाफ है"।
कांग्रेस के रुख से साफ है कि नए ज़मीन अधिग्रहण बिल पर संसद में आगे बढ़ना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। मुश्किल ये है कि इस बिल के खिलाफ विपक्ष लामबंद हो रहा है और बिना राजनीतिक सहमति के इसे राज्यसभा में पास कराना एनडीए सरकार के लिए एक मुश्किल चुनौती साबित हो सकता है।
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