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This Article is From Jun 28, 2015

मन की बात में बोले पीएम मोदी - रक्षा बंधन पर बहनों को दें जनसुरक्षा योजना का उपहार

मन की बात में बोले पीएम मोदी - रक्षा बंधन पर बहनों को दें जनसुरक्षा योजना का उपहार
फाइल फोटो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से लेकर, मॉनसून, साफ-सफाई, सुरक्षा योजनाएं और 'बेटी बचाओ' तक कई मुद्दों को छुआ। पीएम ने कहा, 'रक्षाबंधन के त्योहार के मौके पर 12 रुपये वाली या 330 रुपये वाली जन सुरक्षा योजनाएं जीवनभर के लिए अपनी बहनों को गिफ्ट दे सकते हैं।'

पीएम ने इंक्रेडिबल इंडिया हैशटैग पर मिले जबरदस्त रिस्पॉन्स पर खुशी जताई। उन्होंने कहा आप लोगों ने एक से बढ़कर एक लाखों फोटो भेजे। पीएम ने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि, एक से बढ़कर एक दृश्य देखने को मिले, भारत कितनी विविधताओं से भरा हुआ है। स्थापत्य हो, कला हो, प्रकृति हो, झरने हों, पहाड़ हों, नदी हो, समुद्र हों। शायद भारत सरकार ने कभी सोचा नहीं होगा कि टूरिज्म की दृष्टि से, लोग इतना बड़ा काम कर सकते हैं, जो आप लोगों ने किया है। और कुछ तो मुझे भी इतना भा गए कि मैंने भी उसको re-tweet कर दिया।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं समझता हूं, शायद आप लोगों ने आंध्र प्रदेश के बेलम की गुफाओं का फ़ोटो पोस्ट नहीं किया होता, तो देश के कई लोगों को शायद पता नहीं होता कि ऐसी कोई चीज़ हमारे देश में है। मध्य प्रदेश में ओरछा की फ़ोटो हो, हम राजस्थान को तो हमेशा पानी के संकट वाला प्रदेश मानते हैं, लेकिन वहां से जब कोई मैनाल के झरहे का फ़ोटो भेजता है, तो बड़ा ही आश्चर्य होता है। यानी सचमुच में एक अद्भुत काम हुआ है। इसको हम आगे बढ़ाएंगे, जारी रखेंगे। दुनिया देखेगी, हमारे देशवासी देखेंगे, हमारी नई पीढ़ी देखेगी।'

पीएम ने कहा, 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस उनके मन को उसी तरह आंदोलित कर गया जिस तरह से UN में यह विषय रखने के मौके पर उन्हें महसूस हुआ था। उन्होंने कहा, 'तब ऐसा ही लग रहा था जैसे चलो भाई एक बात हो जाए। लेकिन 21 जून का जो दृश्य देखा, जहां-जहां सूरज गया, जहां-जहां सूरज की किरणें गईं, दुनिया का कोई भूभाग ऐसा नहीं था, जहां योग के द्वारा सूर्य का स्वागत न हुआ हो। हम दावे से कह सकते हैं कि योग अभ्यासुओं की दुनिया में सूरज कभी ढलता नहीं है।'

प्रधानमंत्री ने कहा, योग को जिस तरह से पूरी दुनिया में सम्मान मिला उससे कौन हिन्दुस्तानी होगा जिसे गर्व नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'मैं भी आनंदविभोर हो गया। मन पुलकित हो गया। और जब फ़्रांस के लोग, जिनके लिए सीन नदी और एफिल टावर बहुत ही गौरवपूर्ण प्रतीक है, उन्होंने योग करने के लिए उस स्थान को पसंद किया, बराबरी का स्थान दे दिया। न्यूयॉर्क में लोगों ने टाइम्स स्क्वायर पर योग किया। ऑस्ट्रेलिया, सिडनी की बात हो तो ओपेरा हाउस का चित्र हमारे सामने आता है।'

उन्होंने कहा, 'जब 21 जून को मैंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव श्रीमान बान की मून को UN Headquarters में योग करते देखा, कितना आनंद आया मुझे।' पीएम ने कहा, सियाचिन में हमारे जवान योग कर रहे थे, तो समुंदर में नौसेना के जहाज़ों पर योग के कार्यक्रम हुए। दिल्ली ने तो गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना स्थान दर्ज करवा दिया। राजपथ योगपथ बन गया। उन्होंने कहा, 'मैं देश और दुनिया का हृदय से आभारी हूं, और मैं कह सकता हूं ये कोई कार्यक्रम की ख़ातिर कार्यक्रम नहीं था।

उन्होंने कहा, हाल में वियतनाम से एक परिवार के छोटे बच्चे का योग करता हुआ फ़ोटो ट्विटर पर देखा। योग सच्चे अर्थ में दुनिया को जोड़ने का एक कारण बन गया। हर भारतवासी गर्व अनुभव कर सकता है कि विश्व भारत को जानने के लिए बहुत उत्सुक है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के प्रति एक जिज्ञासा बढ़ी है। यहां की मूल्य, यहां की परम्पराएं, यहां की विरासत, दुनिया जानना चाहती है। हम सबका दायित्व है कि हमारी विरासत को विश्व में बांटें और विश्व को इससे परिचित कराएं। लेकिन ये परिचय हम तब करा पायेंगे जब हमें हमारी विरासत पर गर्व हो।

पीएम ने कहा कि हमें चाहिए कि हम विश्व को अपने परिवार-प्रथा, पारिवारिक मूल्यों से परिचित करवाएं। ऐसी बहुत कुछ चीज़ें हैं जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी हैं और जो श्रेष्ठ हैं, उस पर पूरे विश्व का अधिकार है।

पीएम ने कहा, 'मैं देश के नौजवानों को विशेष करके IT Professionals को आग्रह करता हूं, आप सब नौजवान मिल-जुल करके ऑनलाइन योगा एक्टीविटी की कुछ योजना बनाइए। योग से संबंधित संस्थाओं का परिचय हो, योग गुरुओं की जानकारी हो, योग के संबंध में जानकारी हो। योग सीखना हो तो कहां सीख सकते हैं, योग टीचर चाहिए तो कहां से मिलेगा, एक डाटाबेस तैयार करना चाहिए और मैं मानता हूं, आप कर सकते हैं।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक साल पहले चारों तरफ़ से एक ही स्वर सुनाई देता था, कुछ नहीं होता, कुछ नहीं होता, कुछ नहीं होता। आप कल्पना कर सकते हैं सरकार में आयुष एक डिपार्टमेंट है, कभी किसी का उस तरफ ध्यान नहीं जाता। 2-5 साल में एकाध बार कहीं छोटी-मोटी ख़बर अख़बार में आ जाए तो आ जाए। एक कोने में, छोटा सा डिपार्टमेंट, लेकिन योग दिवस को उसने लीड किया। छोटे से डिपार्टमेंट ने इतना बड़ा काम आयोजित करके दिखाया।' अगर लक्ष्य सामने हो तो छोटी-सी-छोटी इकाई भी कितना उत्तम काम करती है, इसका नमूना है।'

पीएम ने कहा, पिछले साल उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले पर से स्कूलों में शौचालय के लिए अपील की थी। उन्होंने दावा किया कि जो काम 60 साल में नहीं हो पाया वो एक साल में करने का आह्वान करना बड़ा साहस तो था, क़रीब साढ़े चार लाख टॉयलेट बनाने थे और हम लक्ष्य के करीब पहुंच गए हैं।

मतलब सरकार, लोग, सरकारी मुलाज़िम, सब कोई देश के लिए काम करना चाहते हैं। निस्वार्थ भाव से सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय, अगर हम संकल्प ले करके चलते हैं, तो सरकार भी दौड़ती है, सरकार के लोग भी दौड़ते हैं और जनता-जनार्दन पलक-पावड़े बिछा करके उनका स्वागत भी करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जन सुरक्षा की तीन योजनाओं में काफी कम समय में 10 करोड़ से भी ज्यादा लोग जुड़ गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि रक्षाबंधन के त्योहार के मौके पर 12 रुपये वाली या 330 रुपये वाली जन सुरक्षा योजनाएं जीवनभर के लिए अपनी बहनों को गिफ्ट दे सकते हैं।

उन्होंने मॉनसून पर बात करते हुए कहा कि कई लोगों ने उन्हें सुझाव भेजे कि 'मन की बात' में इस पर कुछ बातें करें। पीएम ने कहा, बूंद बूंद पानी का बहुमूल्य होता है। हमें एक नागरिक के नाते, समाज के नाते, बूंद बूंद पानी बचाने का स्वभाव बनाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा, इस वर्षा के मौसम में वृक्षारोपण, पेड़ लगाने का अभियान सामाजिक संगठनों के द्वारा, युवकों के द्वारा बहुत बड़ी मात्रा में होना चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से बरसात के दिनों में बीमारियों से बचने के लिए पानी उबाल कर पीने का सुझाव दिया।

पीएम मोदी ने कहा, हमने तीन नई योजनाओं को लॉन्च किया, ख़ासकर शहरी जनों के लिए। हमारे देश में क़रीब 500 छोटे-मोटे शहर हैं। कूड़े-कचरे में से भी सम्पति बन सकती है, खाद बन सकता है, ईंटें बन सकती हैं, बिजली बन सकती है। गंदे पानी को भी शुद्ध करके खेतों में दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है उस अभियान को आगे बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, अमृत (AMRUT) योजना के तहत हम अपने शहरों को जीवन जीने योग्य बनाने के लिए बड़ा अभियान उठाया है। देश में, दुनिया की बराबरी कर सके ऐसी स्मार्ट सिटी होनी चाहिए और दूसरी तरफ़ देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को भी रहने के लिए अपना घर होना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'मैं स्वयं तो सोशल मीडिया के द्वारा आप सब से जुड़ा रहता हूं, बहुत से नए-नए विचार आप लोगों से मुझे मिलते रहते हैं, सरकार के संबंध में अच्छी-बुरी जानकारियां भी मिलती रहती हैं। लेकिन कभी-कभार दूर सुदूर गांव में बैठा हुआ एक व्यक्ति भी, उसकी एकाध बात भी हमारे दिल को छू जाती है। आप जानते हैं सरकार की तरफ़ से एक “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम चल रहा है। लेकिन जब सरकार का कार्यक्रम कोई व्यक्ति, समाज, गांव अपना बना ले, तो उसकी ताक़त कितनी बढ़ जाती है। पिछले दिनों, हरियाणा के बीबीपुर गांव के एक सरपंच श्रीमान सुनील जगलान जी, उन्हें एक बहुत बड़ा मज़ेदार कदम लिया। उन्होंने ‘selfie with daughter’ इसकी स्पर्धा की अपने गांव में, और एक माहौल ऐसा बन गया कि हर पिता को अपनी बेटी के साथ सेल्फ़ी निकाल करके सोशल मीडिया में रखने का मन कर गया। ये कल्पना मुझे अच्छी लगी उसके पीछे कुछ कारण भी है।'

पीएम ने कहा, देश के क़रीब 100 ज़िले ऐसे हैं जिनमें भी ये हालत चिंताजनक है। हरियाणा में सबसे ज़्यादा। उन्होंने कहा, मैं भी आपसे आग्रह करता हूं कि आप भी अपनी बेटी के साथ, ‘selfie with daughter’, अपनी बेटी के साथ selfie निकाल कर के #‘selfiewithdaughter ज़रूर पोस्ट करें।

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