प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार ने कोरोना वायरस से जूझ रहे देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस राशि के ब्रेकअप का आज शाम 4 बजे ऐलान करेंगी, लेकिन जहां इस पैकेज से विभिन्न सेक्टरों को उम्मीद है, वहीं 'मिडिल क्लास के ईमानदार टैक्सपेयर' भी राहत का इंतज़ार कर रहे हैं, क्योंकि इस वर्ग के लोगों की सैलरी भी कटी है और कई की नौकरियां गई भी हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें शामिल 65 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि अप्रैल-जून की तिमाही में उनकी आमदनी में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी. सर्वे के नतीजों से निष्कर्ष निकालता है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती लंबी रहने वाली है. सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत CEO ने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंद हटने के बाद अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक साल से अधिक का समय लगेगा.
जहां तक करियर और आजीविका का सवाल है, आधी से ज्यादा कंपनियों का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद उनके संबंधित क्षेत्रों में कर्मचारियों की छंटनी होगी. करीब 45 प्रतिशत ने कहा कि 15 से 30 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ेगी. सर्वे में शामिल 66 प्रतिशत, यानी दो-तिहाई लोगों का कहना था कि अभी तक उनकी कंपनी में वेतन-मजदूरी में कटौती नहीं हुई है. कई सेक्टरों की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार की जा रही थी, ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक, उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है. यह आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में योगदान देता है. यह आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है, जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने के लिए संकल्पित है.
कैसे मिल सकती है छूट...?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक पैकेज में टैक्स में रियायतों का ऐलान भी हो सकता है, जो मध्यम आय वर्ग के नागरिकों के लिए बड़ी राहत बन सकता है. इससे फायदा यह हो सकता है जिन लोगों की सैलरी कटी है, उन्हें राहत मिलेगी. आपको बता दें कि देश में बड़े स्तर पर मध्यम वर्ग प्राइवेट सेक्टर में ही नौकरी करता है, जहां लॉकडाउन की वजह से सैलरी काटी गई है. (इनपुट भाषा से भी)
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