मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में निजी स्कूलों (Private Schools) को खोलने की मांग को लेकर प्रशासन के विरोध में स्कूल संचालकों को 'भैंस के आगे बीन बजाना' (playing bean before buffalo) महंगा पड़ गया. बीन की आवाज कान में जाते ही भैंस भड़क गई और प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दी. कलेक्टर कार्यालय पर 100 से अधिक संख्या में विरोध करने पहुंचे लोगों में भगदड़ मच गई. इस दौरान भैंस ने एक महिला प्रदर्शनकारी का पीछा कर लिया और उसे जमीन पर पटक दिया. भैंस के मालिक ने किसी तरह भैंस पर काबू पाया और मामला शांत हुआ. बीन की आवाज से भैंस के भड़कने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
दरअसल मध्यप्रदेश में प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ जिला इकाई शाजापुर की ओर से स्कूल खोलने की मांग की गई है. मांग को लेकर संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर पत्र भी सौंपा गया है. पत्र में कहा गया है कि 15 महीनों से अशासकीय शिक्षण संस्थान संचालक आर्थिक रूप से बदहाल है. स्कूल बंद होने की वजह से अभिभावक फीस देनें से इनकार कर रहे हैं. प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद मुहैया नहीं कराई जा रही है. ऐसे में सरकार को निजी स्कूलों को खोलने का अनुमति देनी चाहिए.
भैंस के आगे बीन बजाए, भैंस खड़ी पगुराय पर हर वक्त ऐसा नहीं होता :) शाजापुर में निजी स्कूल संचालक विरोध स्वरूप भैंस और बीन यही सोचकर लाये थे लेकिन देखिये हुआ क्या :) @manishndtv @AunindyoC@hridayeshjoshi pic.twitter.com/yTB2tULjTM
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 3, 2021
स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने की मांग को लेकर शुक्रवार को यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. निजी स्कूलों के संचालकों की संस्था ‘आशा शिक्षण संस्था' के जिलाध्यक्ष दिलीप शर्मा ने शनिवार को बताया कि हमारी मांगों के प्रति अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण हिन्दी के मुहावरे ‘‘भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फायदा नहीं'' के प्रतीक स्वरुप हम विरोध प्रदर्शन के दौरान एक भैंस लेकर आए थे.'' उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 150 प्रदर्शनकारी जमा थे. उसी दौरान भैंस उग्र हो गयी और भागने लगी. घटना में प्रदर्शन में शामिल एक महिला घायल हो गई. उन्होंने बताया कि भैंस से बचने की कोशिश में वहां भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई.
शर्मा ने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों को फिर से खोलने और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इन स्कूलों में दाखिल हुए छात्रों को बकाया फीस जमा करने का निर्देश देने की मांग को लेकर जमा हुए थे. उन्होंने बताया कि आंदोलन के बाद संगठन के सदस्यों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा.
(भाषा इनपुट के साथ)
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