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This Article is From Sep 03, 2015

गुजरात के पटेल आरक्षण आंदोलन में नेतृत्व के मुद्दे पर उभरने लगी दरार

गुजरात के पटेल आरक्षण आंदोलन में नेतृत्व के मुद्दे पर उभरने लगी दरार
पटेल आंदोलन के तहत आयोजित की गई रैली की फाइल फोटो।
अहमदाबाद: गुरुवार को गुजरात में पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर अहमदाबाद में काफी गहमागहमी रही। आंदोलनकारियों के बीच मतभेद पनप रहे हैं और आंदोलन के नेतृत्व को लेकर भी उनके बीच दरार दिखने लगी है।   

गुरुवार को दोपहर में करीब एक बजे नए उभर रहे 22 साल के नेता हार्दिक पटेल ने बोपल इलाके के राधे फार्म में एक मीटिंग रखी थी जिसमें 6 सितंबर से प्रस्तावित दांडी से साबरमती आश्रम तक यात्रा के आयोजन की चर्चा होनी थी। एक बजे की मीटिंग में हार्दिक करीब पौने दो बजे तक नहीं आए। समर्थकों में सुगबुगाहट चलती रही कि इस आंदोलन से जुड़ा दूसरा ग्रुप, सरदार पटेल ग्रुप यानी एसपीजी एक अलग मीटिंग रख रहा है। ऐसे में हममें ही बिखराव दिख रहा है जो ठीक नहीं है। इसी दौरान वहां पुलिसकर्मी पहुंच गए और बताया गया कि यहां मीटिंग की मंजूरी नहीं है।

हार्दिक पटेल समर्थक वहां से चले तो गए लेकिन सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। उन्हें शांतिपूर्ण मीटिंग भी नहीं करने दी जा रही। लोगों को धमकाया जा रहा है कि उन्हें बैठक के लिए जगह न दी जाए। इसके बाद दूसरी जगह मीटिंग के लिए समर्थक चले गए जहां मीडिया को भी दूर रखा गया।

ठीक उसी वक्त अहमदाबाद के दूसरे सिरे पर नरोडा रोड पर एसपीजी की मीटिंग हो रही थी। यहां पर थोड़ा सा विवाद दिखा कि हार्दिक पटेल ग्रुप ने बिना सलाह मशविरे के ही दांडी मार्च की योजना बना दी है। अब इस ग्रुप ने ठीक उसी दिन यानि 6 तारीख को अलग-अलग जिलों में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के लिए श्रद्धांजली कार्यक्रम की योजना बनाई है।

इस ग्रुप के नेता लालजी पटेल ने बातचीत में वैसे तो दावा किया है कि उनमें और हार्दिक में कोई मतभेद नहीं हैं, दोनों अलग-अलग ग्रुप हैं इसलिए अपनी-अपनी योजनाएं बना रहे हैं, लेकिन जब पूछा गया कि हार्दिक पटेल ने पहले ही 6 सितम्बर की मार्च की योजना बना दी तो बोले कि इसके बारे में उनसे ही पूछा जाए और इससे अच्छे संकेत नहीं जा रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि आगे ऐसी कोई बात न हो इसलिए वे हार्दिक पटेल से मिल रहे हैं। पाटीदारों का एक मुख्य संगठन बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें हार्दिक पटेल और लालजी पटेल दोनों शामिल हों।

इसके बारे में जब हार्दिक पटेल से पूछा गया तो उन्होंने भी दावा तो किया कि उनके और लालजी पटेल के बीच कोई मतभेद नहीं हैं और वे साथ आकर संगठन बनाने को तैयार हैं, लेकिन क्या वे 6 तारीख की यात्रा पर दोबारा विचार करेंगे? तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा और वे यात्रा योजना अनुसार ही निकालेंगे। उनसे जब पूछा कि उन पर यह आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने सरदार पटेल ग्रुप के सोशल मीडिया इन्चार्ज के तौर पर सिर्फ अपने आपको ही भुनाया, तो उन्होंने जलाब दिया, काबलियत थी इसलिए वे ऐसा कर पाए लेकिन उन्होंने दूसरे सभी लोगों को भी महत्व देने की कोशिश की।

जब हार्दिक अपना बचाव कर रहे थे ठीक उसी वक्त अहमदाबाद के सत्ताधार चार रास्ता इलाके में कुछ पटेलों ने हार्दिक के पुतले फूंके और आरोप लगाया कि उन्होंने हिंसा भड़काई। महत्वपूर्ण है कि जब 25 अगस्त को अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड से हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी हुई तब सबसे पहले हिंसा इसी इलाके से शुरू हुई थी।
इस बीच लगातार यह चर्चा तेज हो गई है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन में नेताओं के बीच नेतृत्व के मुद्दे पर मतभेद सामने आने लगे हैं। इससे आंदोलन का भविष्य कैसा रहता है, इस पर सभी की रहेगी नजर है।

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