हार्दिक पटेल
अहमदाबाद:
मंगलवार को देर रात में गुमशुदा होने के बाद हार्दिक पटेल गुरुवार की सुबह पहली बार हाईकोर्ट के सामने पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। वैसे तो हार्दिक पटेल सुरक्षित होने की सूचना उनके वकील ने बुधवार को दोपहर में करीब 12 बजे ही दे दी थी। उनके अहमदाबाद से करीब 3 घंटे दूर हलवद में होने की सूचना थी। इसके बाद उनके वकील और मीडिया भी उन्हें तलाशता रहा, लेकिन हार्दिक पुलिस से बचते रहे।
पुलिस को चकमा देकर फरार
बताया जाता है कि वे मंगलवार की शाम को अरवल्ली जिले के बायड में एक श्रद्धांजलि सभा में गए थे। इसकी मंजूरी नहीं मिलने से पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन वे पुलिस को चकमा देकर निकल गए थे। पुलिस ने कहा था कि वे फरार हो गए। दूसरी ओर हार्दिक के समर्थकों ने आरोप लगाए थे कि उन्हें पुलिस ने ही पकड़ लिया है या किसी अन्य ने अगवा किया है।
अगवा किए जाने का आरोप लगाया
बुधवार की शाम को करीब 7 बजे वे अहमदाबाद से करीब 75 किलोमीटर दूर वीरमगाम के पास मीडिया से रूबरू हुए। लेकिन वे बुधवार को कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाए थे कि उन्हें अगवा कर लिया गया था और कुछ अज्ञात लोग उन्हें बंदूक की नोंक पर रातभर गाड़ी में घुमाते रहे। उन्होंने उन्हें धमकी दी कि आंदोलन छोड़ दें वरना उन्हें परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
आरोप साबित करने पड़ेंगे
हार्दिक गुरुवार को हाईकोर्ट के सामने पेश हुए तो कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कहा कि उनकी गुमशुदगी को गंभीरता से लेकर रात को 2 बजे सुनवाई की गई थी लेकिन उन्होंने सामने आने पर कोर्ट के सामने तुरंत पेश होने की बिलकुल कोशिश नहीं की। बजाय कोर्ट के सामने आने के वे पहले मीडिया में गए। यह बात बिल्कुल ठीक नहीं थी।
कोर्ट ने उनसे लिखित बयान लिया है और कहा है कि उनके आरोपों को उन्हें अगली सुनवाई के दौरान साबित करना पड़ सकता है वरना उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकद्दमा हो सकता है। अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
पुलिस को चकमा देकर फरार
बताया जाता है कि वे मंगलवार की शाम को अरवल्ली जिले के बायड में एक श्रद्धांजलि सभा में गए थे। इसकी मंजूरी नहीं मिलने से पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन वे पुलिस को चकमा देकर निकल गए थे। पुलिस ने कहा था कि वे फरार हो गए। दूसरी ओर हार्दिक के समर्थकों ने आरोप लगाए थे कि उन्हें पुलिस ने ही पकड़ लिया है या किसी अन्य ने अगवा किया है।
अगवा किए जाने का आरोप लगाया
बुधवार की शाम को करीब 7 बजे वे अहमदाबाद से करीब 75 किलोमीटर दूर वीरमगाम के पास मीडिया से रूबरू हुए। लेकिन वे बुधवार को कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाए थे कि उन्हें अगवा कर लिया गया था और कुछ अज्ञात लोग उन्हें बंदूक की नोंक पर रातभर गाड़ी में घुमाते रहे। उन्होंने उन्हें धमकी दी कि आंदोलन छोड़ दें वरना उन्हें परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
आरोप साबित करने पड़ेंगे
हार्दिक गुरुवार को हाईकोर्ट के सामने पेश हुए तो कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कहा कि उनकी गुमशुदगी को गंभीरता से लेकर रात को 2 बजे सुनवाई की गई थी लेकिन उन्होंने सामने आने पर कोर्ट के सामने तुरंत पेश होने की बिलकुल कोशिश नहीं की। बजाय कोर्ट के सामने आने के वे पहले मीडिया में गए। यह बात बिल्कुल ठीक नहीं थी।
कोर्ट ने उनसे लिखित बयान लिया है और कहा है कि उनके आरोपों को उन्हें अगली सुनवाई के दौरान साबित करना पड़ सकता है वरना उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकद्दमा हो सकता है। अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
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