
Parliament Session PM Modi And Opposition: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि ये एक जागृत राष्ट्र की भावना को दर्शाता है. उन्होंने लोकसभा में अपने बयान के दौरान कहा कि महाकुंभ के दौरान सभी मतभेद मिट गए और ये दिखाता है कि एकता की भावना हमारे भीतर गहराई से रची-बसी है. विविधता में एकता भारत की विशेषता है, जिसे हाल ही में संपन्न महाकुंभ के दौरान अनुभव किया गया.जब पूरा विश्व चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है, तो इस एकता का भव्य प्रदर्शन देश की सबसे बड़ी ताकत है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कई नदियां हैं और उनमें से कुछ खतरे में हैं. उन्होंने महाकुंभ से प्रेरणा लेते हुए नदी उत्सव की आवश्यकता पर बल दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नई पीढ़ी को जल संरक्षण का महत्व सिखाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन ने भारत की क्षमता के बारे में कुछ लोगों के मन में जो संदेह था, उसको दूर कर दिया है. उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ की सफलता में योगदान देने वाले लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन ने देशवासियों को बहुत प्रेरणा दी है, क्योंकि इसका नेतृत्व खुद लोगों ने किया. पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि देश अगले हजार वर्षों के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहा है और महाकुंभ के दौरान यह सोच और मजबूत हुई है.
संसद में विपक्ष क्यों भड़का
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में शोर मचाया और पूछा कि किस नियम के तहत प्रधानमंत्री को बोलने की अनुमति दी गई. अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि नियमों में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री सदन में बयान दे सकते हैं. हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद जब लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब के दौरान भी हंगामा किया. लगातार हो रहे हंगामे के बीच, लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
संसद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के बयान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान, जिन लोगों की मौत हुई, उसके बारे में पीएम ने एक शब्द भी नहीं कहा ना ही कोई श्रद्धांजलि दी. राहुल ने कहा कि पीएम को इस बारे में भी बोलना चाहिए था कि कितने युवकों को महांकुभ के दौरान जॉब मिली. उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता को नहीं बोले दिए जाने को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या ये ही नया भारत है?
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