कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए हालिया बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हंगामे और विपक्षी दलों द्वारा अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर किए गए हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार को लगातार चौथे दिन बाधित हुई, और कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
उम्मीद है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे, और अपनी टिप्पणी से उपजे विवाद पर बोलेंगे. राहुल गांधी द्वारा माफी मांगे जाने की BJP की मांग को कांग्रेस सिरे से नकार चुकी है.
संसद में ज़ोरदार हंगामे की आशंका से पहले विधिमंत्री किरेन रिजिजू ने दबाव बढ़ाते हुए गुरुवार को कांग्रेस नेता पर लंदन में झूठ बोलने और देश की आलोचना करने का आरोप लगाया. पत्रकारों से बातचीत में किरेन रिजिजू ने कहा, "वह शख्स, जो देश में सबसे ज़्यादा बोलता है, और दिन-रात सरकार पर निशाना साधता है, वह विदेश जाकर कहता है कि उसे भारत में बोलने की आज़ादी नही है..."
उन्होंने यह भी कहा, "राहुल गांधी कांग्रेस को डुबो सकते हैं, हमें उसकी परवाह नहीं... लेकिन अगर वह देश को नुकसान पहुंचाने या उसका अपमान करने की कोशिश करते हैं, तो देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं बैठ सकते... सिर्फ इसी वजह से कि देश ने कांग्रेस को नकार दिया है, इसका अर्थ यह नहीं है कि वह विदेश जाकर देश की छवि को बिगाड़ सकते हैं..."
विधिमंत्री के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-विरोधी ताकतों की भाषा का इस्तेमाल किया.
किरेन रिजिजू ने आगे कहा, "बेहद दुःखद है कि एस सांसद ही संसद की गरिमा को कम कर रहा है... सभी भारत-विरोधी ताकतें एक जैसी भाषा बोलती हैं... सभी भारत-विरोधी गैंग एक ही तरह की बातें करते हैं... वे वही दोहराते हैं, जो राहुल गांधी बोलते हैं..."
बुधवार को, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, राहुल गांधी की यूके में की गई टिप्पणी के लिए "माफी मांगे जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता..." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान कांग्रेस पर हमला बोलते रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "जो मांफी की मांग कर रहे हैं, मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं कि मोदी जी पांच-छह देशों में गए, और वहां उन्होंने (PM मदी ने) यह कहकर देश का अपमान किया कि भारत में जन्म लेना पाप है, और अब यही लोग बोलने की आज़ादी पर पाबंदी लगा रहे हैं..."
अध्यक्ष स्वत: संज्ञान के आधार पर मामले को विशेषाधिकार समिति को नहीं भेज सकते
संसद के नियमों के जानकार के मुताबिक, अध्यक्ष स्वत: संज्ञान के आधार पर मामले को विशेषाधिकार समिति को नहीं भेज सकते. कोई सदस्य अगर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे, तो उसे समिति को भेजा जा सकता है. स्पीकर के बारे में सदन में या बाहर इस तरह की टिप्पणी नहीं कर सकते. नोटिस आने पर स्पीकर कार्रवाई कर सकते हैं. स्पीकर को जेल भेजने का अधिकार नहीं, सदन को अधिकार है. लोकसभा के दो नियमों के उल्लंघन का मामला बन सकता है. नियम 349 और 352 के तहत सदस्यों को सदन के भीतर तथा सदन में बोलते समय नियमों का पालन करना होगा. सदन के भीतर अगर महुआ मोइत्रा इन्हीं बातों को रिपीट करती हैं तो कार्रवाई हो सकती है.
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