ग्वालियर:
केदारनाथ धाम की यात्रा पर गए माता-पिता एवं परिजनों की कोई खबर नहीं मिलने से निराश होकर एक महिला ने देवनगर स्थित अपने मायके में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ममता त्रिपाठी के पिता नाथूराम पाराशर (60), मां कमला देवी (50), चाचा सतीश पाराशर और चाची विमला देवी 5 जून को केदारनाथ दर्शन के लिए निकले थे। 15 जून को ममता की आखिरी बार अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।
सूत्रों के अनुसार ममता 15 जून को ही चेतकपुरी से अपनी बेटी के साथ अपने मायके देवनगर आ गई थी और तभी से बहुत परेशान थी। ममता के पति 18 जून को अपने सास-ससुर तथा अन्य परिजनों की तलाश में हरिद्वार चले गए थे, लेकिन उन्हें भी उनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई थी।
सूत्रों ने बताया कि ममता अपने माता-पिता तथा अन्य परिजनों की कोई खबर नहीं मिलने से बहुत तनाव में थी और शुक्रवार सुबह नगर के मंशा देवी मंदिर में माता-पिता की सलामती के लिए प्रार्थना भी की थी। मंदिर से आने के बाद ममता ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ममता त्रिपाठी के पिता नाथूराम पाराशर (60), मां कमला देवी (50), चाचा सतीश पाराशर और चाची विमला देवी 5 जून को केदारनाथ दर्शन के लिए निकले थे। 15 जून को ममता की आखिरी बार अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।
सूत्रों के अनुसार ममता 15 जून को ही चेतकपुरी से अपनी बेटी के साथ अपने मायके देवनगर आ गई थी और तभी से बहुत परेशान थी। ममता के पति 18 जून को अपने सास-ससुर तथा अन्य परिजनों की तलाश में हरिद्वार चले गए थे, लेकिन उन्हें भी उनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई थी।
सूत्रों ने बताया कि ममता अपने माता-पिता तथा अन्य परिजनों की कोई खबर नहीं मिलने से बहुत तनाव में थी और शुक्रवार सुबह नगर के मंशा देवी मंदिर में माता-पिता की सलामती के लिए प्रार्थना भी की थी। मंदिर से आने के बाद ममता ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
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