नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार को पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन किया और फायरिंग की आड़ में भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग टीम के दो जवानों की हत्या कर उनके शवों के साथ बर्बरता की. भारतीय सेना ने इसे पाकिस्तानी सेना की घृणित कार्रवाई बताया है. भारतीय सेना ने कहा है कि इसका माकूल जवाब दिया जाएगा. पाकिस्तानी गोलीबारी में सेना के एक जेओसी और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि एक अन्य जवान जख्मी हो गया. उधर, जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने जवानों के शव क्षत-विक्षत किए जाने की निंदा की, कहा है कि युद्ध के दौरान भी कहीं ऐसी हरकतें नहीं होती हैं. उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी और पाक की करतूत का सेना माकूल जवाब देगी. उधर पाकिस्तान ने भारतीय जवानों के शव क्षत-विक्षत किए जाने से इनकार किया है और कहा है कि उसकी सेना कभी भी किसी सैनिक का अनादत नहीं कर सकती चाहे वह भारतीय ही क्यों न हो.
भारतीय सेना ने बयान जारी किया
भारतीय सेना के उत्तरी कमान ने एक बयान में कहा है, ‘पाकिस्तान ने कृष्ण घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर दो अग्रिम चौकियों पर बिना उकसावे के रॉकेट और मोर्टार दागे. इसी वक्त बीएटी ने दोनों चौकियों के बीच गश्ती अभियान पर कार्रवाई शुरू की.’ बयान में कहा गया है, ‘गश्त पर तैनात हमारे दो सैनिकों के शवों को विकृत करके पाकिस्तानी सेना ने सैनिकों जैसे व्यवहार नहीं किया है.’
अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संघर्ष विराम का उल्लंघन सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ. हमले में सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 200वीं बटालियन के एक हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया, ‘सुबह साढ़े आठ बजे पुंछ जिले के कृष्णगाती सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर बीएसएफ चौकी पर पाकिस्तानी (सेना) चौकी की ओर से रॉकेट और स्वचालित हथियारों से भारी गोलीबारी की गई.’
गोलीबारी में बीएसएफ के एक अन्य जवान राजेंद्र सिंह जख्मी हो गये. अधिकारी ने कहा कि सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों ने प्रभावी तौर पर जवाब दिया. पाकिस्तानी सेना ने पुंछ और राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पिछले महीने सात बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था. उन्होंने 19 अप्रैल को पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था और 17 अप्रैल को नौशेरा में अग्रिम चौकी पर मोर्टार दागे थे. पाकिस्तान ने इसी सेक्टर में आठ अप्रैल को, पुंछ जिले में पांच अप्रैल को, भीमभर गली सेक्टर में चार अप्रैल को और बालाकोटे और (दिगवार) पूंछ सेक्टरों में दो स्थानों पर तीन अप्रैल को गोलीबारी की थी.
पढ़ें पूरा घटनाक्रम...
- सुबह 8.40 की घटना
- कृष्णा घाटी सेक्टर की घटना
- LoC पर मिली बारूदी सुरंग की ख़बर
- बाड़ के पार गई गश्ती टीम
- नियंत्रण रेखा के 200 मीटर अंदर
- बीएसएफ़ और सेना का साझा दस्ता
- कुल दस लोगों की गश्ती टीम
- दो चौकियों के बीच गश्त
- पाकिस्तान की ओर से अचानक फ़ायरिंग
- आरपीजी रॉकेट लांचर और मोर्टार दागे गए
- दो जवान शहीद हुए
- पाक की बॉर्डर ऐक्शन टीम का घात लगाकर हमला
- दोनों जवानों के शव क्षत-विक्षत किए गए
- सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शहीद
- छह महीने में तीसरी बार जवानों के शव के सात बर्बरता
- एक बीएसफ जवान राजेन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल जिन्हें राजौरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया
- इस साल अब तक 65 दफा सीजफायर का उल्लंघन
- ज्यादातर उल्लंघन राजौरी के नौशेरा सेक्टर में करीब 40 बार हुए
- इस साल 42 आतंकी मारे गए
- 2016 में 225 दफा युद्धविराम का उल्लंघन हुआ था, 2015 में 150 बार युद्धविराम का उल्लंघन और 2014 में 153 दफा उल्लंघन हुआ था.
भारतीय सेना ने बयान जारी किया
भारतीय सेना के उत्तरी कमान ने एक बयान में कहा है, ‘पाकिस्तान ने कृष्ण घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर दो अग्रिम चौकियों पर बिना उकसावे के रॉकेट और मोर्टार दागे. इसी वक्त बीएटी ने दोनों चौकियों के बीच गश्ती अभियान पर कार्रवाई शुरू की.’ बयान में कहा गया है, ‘गश्त पर तैनात हमारे दो सैनिकों के शवों को विकृत करके पाकिस्तानी सेना ने सैनिकों जैसे व्यवहार नहीं किया है.’
अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संघर्ष विराम का उल्लंघन सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ. हमले में सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 200वीं बटालियन के एक हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया, ‘सुबह साढ़े आठ बजे पुंछ जिले के कृष्णगाती सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर बीएसएफ चौकी पर पाकिस्तानी (सेना) चौकी की ओर से रॉकेट और स्वचालित हथियारों से भारी गोलीबारी की गई.’
गोलीबारी में बीएसएफ के एक अन्य जवान राजेंद्र सिंह जख्मी हो गये. अधिकारी ने कहा कि सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों ने प्रभावी तौर पर जवाब दिया. पाकिस्तानी सेना ने पुंछ और राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पिछले महीने सात बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था. उन्होंने 19 अप्रैल को पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था और 17 अप्रैल को नौशेरा में अग्रिम चौकी पर मोर्टार दागे थे. पाकिस्तान ने इसी सेक्टर में आठ अप्रैल को, पुंछ जिले में पांच अप्रैल को, भीमभर गली सेक्टर में चार अप्रैल को और बालाकोटे और (दिगवार) पूंछ सेक्टरों में दो स्थानों पर तीन अप्रैल को गोलीबारी की थी.
पढ़ें पूरा घटनाक्रम...
- सुबह 8.40 की घटना
- कृष्णा घाटी सेक्टर की घटना
- LoC पर मिली बारूदी सुरंग की ख़बर
- बाड़ के पार गई गश्ती टीम
- नियंत्रण रेखा के 200 मीटर अंदर
- बीएसएफ़ और सेना का साझा दस्ता
- कुल दस लोगों की गश्ती टीम
- दो चौकियों के बीच गश्त
- पाकिस्तान की ओर से अचानक फ़ायरिंग
- आरपीजी रॉकेट लांचर और मोर्टार दागे गए
- दो जवान शहीद हुए
- पाक की बॉर्डर ऐक्शन टीम का घात लगाकर हमला
- दोनों जवानों के शव क्षत-विक्षत किए गए
- सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शहीद
- छह महीने में तीसरी बार जवानों के शव के सात बर्बरता
- एक बीएसफ जवान राजेन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल जिन्हें राजौरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया
- इस साल अब तक 65 दफा सीजफायर का उल्लंघन
- ज्यादातर उल्लंघन राजौरी के नौशेरा सेक्टर में करीब 40 बार हुए
- इस साल 42 आतंकी मारे गए
- 2016 में 225 दफा युद्धविराम का उल्लंघन हुआ था, 2015 में 150 बार युद्धविराम का उल्लंघन और 2014 में 153 दफा उल्लंघन हुआ था.
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